रायपुर/ राज्य के शिक्षामंत्री केदार कश्यप द्वारा अनर्गल एवं अमर्यादित टिप्पणी किये जाने पर *प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता महेन्द्र छाबड़ा* ने पलटवार करते हुये कहा कि कांग्रेस पार्टी की बस्तर में जनसभाओं में बढ़ती भीड़ और आदिवासी वर्ग का झुकाव कांग्रेस के प्रति और अधिक बढ़ने से केदार कश्यप अपना मानसिक संतुलन खो चुके है और अर्नगल टिप्पणियां कर रहे है, जो लोकतंत्र के लिये घातक है। उन्हें शिक्षा मंत्री जैसे महत्वपूर्ण विभाग पर बनाये रखना शिक्षा विभाग का अपमान है। जिस तरह के बोल वे बोल रहे है निश्चित रूप से वह किसी अशिक्षित एवं अपरिपक्व व्यक्ति ही बोल सकता है। पूर्व में भी उनकी पत्नी एवं साली पर परीक्षा में नकल करने का प्रकरण सामने आया था, जिससे उनकी छवि पूरी तरह धूमिल हो चुकी है। उनके विधानसभा क्षेत्र की जनता उन्हें सबक सिखाने के लिये तैयार बैठी है।कांग्रेस की जनाधिकार सभा के लिये स्थान उपलब्ध न हो इसके लिये उन्होने पर्दे के पीछे की जो ओछी राजनीति की है, वह लोकतंत्र के लिये बेहद आपत्तिजनक है। प्रजातंत्र में विचारों की अभिव्यक्ति की सभाओं के माध्यम से अपनी पार्टी की विचारधारा को जनता तक पहुंचाने का हक सभी को है। सभा के लिये मैदान उपलब्ध नहीं कराने के बाद भी जनाधिकार सभा में भारी संख्या में आदिवासियों के बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने से और कांग्रेस पार्टी के बढ़ते जनाधार और बस्तर की सभी 12 की 12 सीटें जीतने का दावा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के छत्तीसगढ़ प्रभारी श्री पी.एल. पुनिया द्वारा किये जाने के बाद मंत्री केदार कश्यप पूरी तरह से विचलित हो गये है। चुनाव में हार के भय से अपनी डूबती लूटिया को बचाने के असफल प्रयास कर रहे है।