दिल्ली विधानसभा चुनाव: बड़े नामों के जरिए रिजर्व सीटों पर फतह की तैयारी में कांग्रेस
नई दिल्ली
1993 में दिल्ली विधानसभा के गठन के बाद से दिल्ली के रिजर्व सीटों पर कांग्रेस का बोलबाला रहा है। हालांकि 2013 में आम आदमी पार्टी की दिल्ली की राजनीति में एंट्री के बाद से ही इन सीटों पर पहली बार सेंध लगी और आप ने 12 में से 9 सीटों पर कब्जा पर लिया। यही नहीं बाकी तीन सीटों में भी कांग्रेस के हाथ सिर्फ एक सीट आई। फिर 2015 के चुनाव में कांग्रेस का पूरी दिल्ली की तरह इन सभी सीटों पर भी सूपड़ा साफ हो गया। लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस एक बार फिर से इन सीटों पर कब्जा करने के लिए रणनीति तैयार कर रही है, ताकि जीत हासिल कर पार्टी दिल्ली की राजनीति में फिर से अपनी पकड़ मजूबत कर सके।
प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि रिजर्व सीटें हमारी परंपरागत सीट रही हैं और कांग्रेस ने हमेशा इन्हें तवज्जो दिया है। आज भी हमारे पास अन्य दोनों पार्टियों की तुलना में बेहतर, योग्य और अनुभवी नेता हैं, जिनके पास काम का बड़ा अनुभव है। पार्टी सूत्रों ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद कृष्णा तीरथ और पूर्व सांसद उदित राज जैसे बड़े नाम हमारे पास हैं। उन्होंने कहा कि ये दोनों नेता इस चुनाव में उतरेंगे। पार्टी को उम्मीद है कि उनके चुनाव में उतरने से बाकी रिजर्व सीटों पर भी व्यापक असर होगा और कांग्रेस की तरफ एक पॉजिटिव संकेत जाएगा।
जयकिशन पर फिर दांव लगाएगी कांग्रेस?
इन दोनों शीर्ष नेताओं के अलावा सुल्तानपुरी माजरा से कांग्रेस के जयकिशन इस बार भी उम्मीदवार होंगे। इस सीट से 1993 से जयकिशन जीत रहे हैं, बीच में 1998 में सुशीला देवी ने जीत हासिल की थी, लेकिन वह भी कांग्रेस से थीं। 2013 में भी जयकिशन ने यहां जीत हासिल की थी, वह पहली बार 2015 में यहां से हारे थे। पार्टी का कहना है कि इसके अलावा देवली विधानसभा सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री बूटा सिंह के बेटे अरविंदर सिंह को इस बार भी पार्टी चुनाव में अपना उम्मीदवार बना सकती है।
रिजर्व सीटों पर जीत के लिए पार्टी की विशेष योजना
पार्टी सूत्रों का कहना है कि हमारे पास रिजर्व सीट में भी जाटव समाज से हमारे पास कृष्णा तीरथ, खटीक समाज से उदित राज, बाल्मीकि समाज से जयकिशन जैसे नेता हैं। कांग्रेस का कहना है कि इन्हें तो टिकट मिलना लगभग तय है, लेकिन इसके अलावा पार्टी रैगड़ समाज के नेताओं को भी प्राथमिकता देगी। राजस्थान से रैगड़ समाज के लोग भारी संख्या में दिल्ली में रहते हैं। पार्टी ने कहा कि रिजर्व सीट पर जीत के लिए पार्टी ने कई स्पेशल योजना बनाई है, जिसे मेनिफेस्टो में शामिल किया जा रहा है। पार्टी के एक नेता ने कहा कि हमने दिल्ली में एससी-एसटी के लिए पहले भी कई राहत की घोषणा की थी, हम इस चुनाव में उनका प्रचार करेंगे। कांग्रेस ने ही बाल्मीकि समाज के लिए अवॉर्ड की शुरुआत की थी। कांग्रेस ने सफाई कर्मचारियों के लिए जो आयोग बनाया था, लेकिन उसकी सिफारिश आज तक लागू नहीं हुई है। इस मुद्दे को पार्टी चुनाव के दौरान जनता तक पहुंचाएगी।
एससी/एसटी इलाकों के कई नेता कांग्रेस में शामिल
शुक्रवार को एससी/एसटी के अलग-अलग इलाकों से कई नेताओं को कांग्रेस में शामिल किया और कहा कि इससे पार्टी को मजबूती मिलेगी। लेकिन पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि रिजर्व सीटों पर जिस प्रकार आप का कब्जा हुआ है और जिस प्रकार दिल्ली सरकार ने घोषणाएं की हैं, उसका सबसे ज्यादा फायदा उन्हीं को मिला है। ऐसे में कांग्रेस के लिए इन सीटों पर फिर से पकड़ मजबूत करना और उसे जीत में तब्दील करना बड़ी चुनौती होगी।