मध्य प्रदेश में उत्पात मचा रहे हाथियों को बेहोश करने की इजाजत नहीं
बांधवगढ़
मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ में नई बसी हाथी कालोनी और नरसिंहपुर में उत्पात मचा रहे दो टस्कर हाथियों को बेहोश (ट्रेंकुलाइज) करने की इजाजत केंद्रीय पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के प्रोजेक्ट हाथी विभाग ने देने से इनकार किया है। मध्य प्रदेश के चीफ वन संरक्षक को लिखे पत्र में मंत्रालय ने कहा कि बेहोश किया जाना पशु के हित में नहीं है।
मंत्रालय ने कहा, ‘हाथी वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित है। इसलिए राज्य सरकार को चाहिए कि वह हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखे और केंद्र को इससे अवगत कराए। उन्हें स्थानांतरित करने के लिए किसी अमानवीय तरीके के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी जा सकती।’
मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के मुगवानी के जंगलों में पांच हाथियों का एक समूह डेरा डाले हुए है। इसमें दो मेल टस्कर हाथी इलाके से हटने के तैयार नहीं हैं। उनके आतंक के चलते वन विभाग ने इन्हें रेस्क्यू करके वापस छत्तीसगढ़ के जंगलों में भेजने के लिए पर्यावरण मंत्रालय के हाथी प्रोजेक्ट को लिखा था।
इस पर मंत्रालय ने हाथियों को बेहोश कर उन्हें शिफ्ट करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नवंबर में असम में आतंक का पर्याय बने विशालकाय हाथी ‘लादेन’ उर्फ कृष्णा को बेहोश करके संरक्षण के लिए लाया गया था। जहां एक सप्ताह के भीतर उसकी आकस्मिक मौत हो गई थी।
ऐसे में यह पता लगाया जा रहा है कि हाथी जैसे पशु पर बेहोश करने की दवा का असर कैसा और कितनी मात्रा में कारगर होता है। विभाग ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश पहली बार हाथियों की आरामगाह बन रहा है, इसलिए वन विभाग को हाथियों के संरक्षण को लेकर जारी किए निर्देशों पर काम करना चाहिए।