November 22, 2024

int प्रदेश अध्यक्ष गीता चौधरी ने पर्यावरण के संतुलन के लिए व्रक्षारोपण के साथ वनों को बचाने के दिए उपाय

0

जोगी एक्सप्रेस 

नई दिल्ली ,इनटेलीजेंस  टेकनोलीजी दी सोसाइटी ऑफ़ इंटेलिजेंस  ने सबका साथ सबका विकास की नीतियों को आगे बढ़ाते हुए वासुधैव कुटुम्बकम ,सभी के लिए जन कल्याणकारी योजनाओ को बढ़ने के मकसद से इस संस्था का निर्माण किया गया है जिसमे पर्यावरण को लेकर दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष गीता चौधरी ने पर्यवरण के समुचित संतुलन के लिए व्रक्षा रोपण में वट रोपित करते हुए बताया की पेड़ पौधो से हम मानव जीवन में क्रांति ला सकते है ,और वायु प्रदुषण और जल संवर्धन को नियंत्रित कर सकते है !

श्रीमती गीता ने बताया की वायुमण्डल पर्यावरण का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। मानव जीवन के लिए वायु का होना अति आवश्यक है। वायुरहित स्थान पर मानव जीवन की कल्पना करना करना भी बेकार है क्योंकि मानव वायु के बिना 5-6 मिनट से अधिक जिन्दा नहीं रह सकता। एक मनुष्य दिन भर में औसतन 20 हजार बार श्वास  लेता है। इसी श्वास के दौरान मानव 35 पौण्ड वायु का प्रयोग करता है। यदि यह प्राण देने वाली वायु शुद्ध नहीं होगी तो यह प्राण देने के बजाय प्राण ही लेगी।पुराने समय में मानव के आगे वायु प्रदूषण जैसी समस्या सामने नहीं आई क्योंकि प्रदूषण का दायरा सीमित था साथ ही प्रकृति भी पर्यावरण को संतुलित रखने का लगातार प्रयास करती रही। उस समय प्रदूषण सीमित होने के कारण प्रकृति ही संतुलित कर देती थी लेकिन आज मानव विकास के पथ पर अग्रसर है और उत्पादन क्षमता बढ़ा रहा है। मानव ने अपने औद्योगिक लाभ हेतु बिना सोचे-समझे प्राकृतिक साधनों को नष्ट किया जिससे प्राकृतिक सन्तुलन बिगड़ने लगा और वायुमंडल भी इससे न बच सका। वायु प्रदूषण केवल भारत की समस्या हो ऐसी बात नहीं, आज विश्व की अधिकांश जनसंख्या इसकी चपेट में है।हमारे वायुमण्डल में नाइट्रोजन, आक्सीजन, कार्बन डाई आक्साइड, कार्बन मोनो आक्साइड आदि गैस एक निश्चित अनुपात में उपस्थित रहती हैं। यदि इनके अनुपात के सन्तुलन में परिवर्तन होते हैं तो वायुमण्डल अशुद्ध हो जाता है, इसे अशुद्ध करने वाले प्रदूषण कार्बन डाई आक्साइड, कार्बन मोनो आक्साइड, नाइट्रोजन आक्साइड, हाइड्रोकार्बन, धूल मिट्टी के कण हैं जो वायुमण्डल को प्रदूषित करते हैं।श्रीमती गीता ने बताया की  वनों की हो रही अन्धाधुन्ध अनियंत्रित कटाई को रोका जाना चाहिए। इस कार्य में सरकार के साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाएँ व प्रत्येक मानव को चाहिए कि वनों को नष्ट होने से रोके व वृक्षारोपण कार्यक्रम में भाग ले।ताकि हम आने वाले समय में अपने आसपास पर्यावरण के साथ समूचे भारत में int के माध्यम से पर्यवरण और जल ,जमीन ,जंगल की हिफाजत कर सके ,इसके लिए हमें सब से पहले एक होना होगा औरint के बहुउद्देशीय समाज कल्याणकारी कार्यक्रमों में अपनी सहभागिता देनी होगी तभी intग्रुप का उद्देश्य सफल होगा ,

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *