November 23, 2024

सीएम कमलनाथ ने छपाक फिल्म के विरोध की निंदा की

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भोपाल
सीएम कमलनाथ ने छपाक फिल्म की रिलीज पर हो रहे विरोध प्रदर्शन की निंदा की है. उन्होंने किसी दल का नाम लिए बिना कहा, पिछले कुछ समय से ये गलत परंपरा शुरू हुई है.फिल्मों और कलाकारों को दलों और राजनीति में बांटना गलत है. कलाकारों को भी अभिव्यक्ति का अधिकार है. सामाजिक मुद्दों पर बनी फिल्म समाज को स्वस्थ संदेश देती हैं. ऐसी फिल्मों का विरोध करना ठीक नहीं.

छपाक फिल्म आज से देशभर के सिनेमागृहों में रिलीज हुई. रिलीज से ठीक एक दिन पहले मध्य प्रदेश सरकार ने फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया है. ये फिल्म ऐसि़ड अटैक सर्वाइवर की ज़िंदगी पर आधारित होने के कारण टैक्स फ्री की गयी है. लेकिन टैक्स फ्री करने का मध्य प्रदेश में विरोध हो रहा है. बीजेपी ने ये कहते हुए विरोध किया कि ऐसा राजनीतिक वजह से किया गया. विरोध की दूसरी वजह इस फिल्म की अभिनेत्री दीपिका पादुकोण हैं. फिल्म में दीपिका पादुकोण मुख्य रोल में हैं. हाल ही में JNU हिंसा के बाद दीपिका छात्रों के समर्थन में यूनिवर्सिटी कैंपस गयी थीं. इस वजह से उनकी फिल्म और उसे टैक्स फ्री करने का विरोध हो रहा है. ग्वालियर में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ट्रस्ट ने फिल्म के विरोध में प्रदर्शन किया.

ग़लत परंपरा
इस राजनीतिक विवाद के बीच सीएम कमलनाथ ने ट्वीट करके विरोध की इस परंपरा की निंदा की है. अपने ट्वीट में सीएम ने किसी दल का नाम लिए बिना लिखा, फ़िल्मों और कलाकारों को दलों, विचारधाराओं में बांटना औ राजनीति से जोड़ना पूरी तरह से ग़लत परंपरा है. यह परंपरा पिछले कुछ वर्षों से प्रारंभ हुई है.कई फ़िल्में अच्छे सामाजिक संदेश औक सामाजिक बदलाव के उद्देश्य के साथ बनती हैं.

कलाकार भी एक इंसान
सीएम कमलनाथ ने अपने ट्वीट में आगे लिखा,कलाकार भी एक इंसान है. उन्हें भी अभिव्यक्ति की आज़ादी है.उसके लिये उन्हें कोसना, उनका विरोध करना, उनके विरोध में बोलना क़तई उचित नहीं है.विचारधारा के आधार पर एक फ़िल्म का सपोर्ट-एक का विरोध, यह हम देश को कहां ले जा रहे हैं? सभी फ़िल्मों और कलाकारों को एक नज़रिए से देखना चाहिए.कलाकारों को बांटना क़तई ठीक नहीं है.

जनता से अपील
सीएम ने अगले ट्वीट में लिखा मैं तो जनता से अपील करता हूं कि वो अपनी सोच, विचार, मनोरंजन और पसंद अनुसार कोई भी फ़िल्म देखें. यह उनका अधिकार है. देश में किसी को हक़ नहीं कि वो हमें बताए कि हम क्या देखें , कौन सी फ़िल्म देखें- कौन सी नहीं.सभी फ़िल्में कोई ना कोई अच्छा सामाजिक संदेश लेकर आती हैं.

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