370 हटने के बाद पहली बार कश्मीर के नेताओं ने की उपराज्यपाल से मुलाकात
जम्मू
जम्मू और कश्मीर से धारा 370 को निरस्त करने के बाद पहली बार घाटी के नेताओं ने उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू से मुलाकात की. नेताओं ने बैठक में नौकरियों में आरक्षण और राज्य की बहाली के मुद्दे को उठाया. पूर्व विधायकों और राजनेताओं के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पूर्व मंत्री और पीडीपी के वरिष्ठ नेता सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी ने किया.
मोहम्मद दिलावर मीर, गुलाम हसन मीर, पूर्व एमएलसी ज़फर इकबाल, पूर्व विधायक जावेद हसन बेग, नूर मोहम्मद शेख, चौधरी क़मर हुसैन और राजा मंजूर अहमद ने जम्मू-कश्मीर के लोगों की सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक आकांक्षाओं के संबंध में उपराज्यपाल को एक ज्ञापन भी सौंपा.
कश्मीरी नेताओं का यह दल सैयद अलताफ बुखारी के नेतृत्व में में उपराज्यपाल से मुलाकात की. इस दल में कुल आठ पूर्व विधायक शामिल रहे. पूर्व विधायकों ने उपराज्यपाल से पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल की मांग की. जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने के बाद पहली बार बड़े नेताओं ने उपराज्यपाल से मुलाकात की है.
5 अगस्त 2019 से कुछ दिन पहले ही कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया था. केंद्र सरकार ने ऐहतिहातन स्थानीय नेताओं की गिरफ्तारी की थी, जिससे राज्य की कानून व्यवस्था पर असर न पड़े.
ये नेता प्रतिनिधि मंडल में रहे शामिल
नेताओं के इस दल में डेमोक्रेटिक पार्टी नेशनलिस्ट के अध्यक्ष गुलाम हसन मीर, पूर्व मंत्री मोहम्मद दिलावर मीर, जावेद हसन बेग, नूर मोहम्मद शेख, चौधरी कमर हुसैन, रजा मंजूर अहमद, पीडीपी के पूर्व विधान परिषद सदस्य जफर इकबाल शामिल रहे. ये सभी नेता पीडीपू के पूर्व विधायक हैं.
किन मुद्दों पर हुई बातचीत?
उपराज्यपाल जीसी मुर्मू से मुलाकात में नेताओं ने कुल 15 बिदुओं के साथ ज्ञापन सौंपा. पूर्व विधायकों ने उपराज्यपाल से मांग की कि जमीन और नौकरियों में लोगों के अधिकार को सुरक्षित रखा जाए. साथ ही हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा किया जाए. विधायकों ने यह भी मांग की है कि प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए युवकों पर दर्ज मामले वापस लिए जाएं, साथ ही कश्मीर में लगे अन्य प्रतिबंधों को हटाया जाए.
सैयद अलताफ बुखारी ने उपराज्यपाल से मुलाकात के बाद कहा कि पूर्व विधायकों के दल ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर के संबंध में जानकारी सौंपी गई. सैयद अलताफ बुखारी जब पीपल्ड डेमोक्रेटिक पार्टी(पीडीपी) और भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के गठबंधन सरकार में वित्त मंत्री रहे हैं.
कश्मीर नीति पर हो विचार
राज्यपाल से मुलाकात के बाद ज्यादातर नेताओं का कहना है कि कश्मीर की मौजूदा स्थिति पर सरकार को वर्षों पुरानी नीति पर फिर से विचार करना चाहिए, जिससे कश्मीर के लोगों की आशंकाओं का समाधान हो सके . अगर कश्मीर में केवल सुरक्षा व्यवस्था ही कड़ी रखी जाएगी तो स्थिति बेहतर नहीं हो सकेगी.