प्रदर्शनकारियों ने हावड़ा में रोकी ट्रेन, ट्रेड यूनियनों का भारत बंद
नई दिल्ली
देश के कई ट्रेड यूनियन और संगठनों ने आज भारत बंद का ऐलान किया है. इस भारत बंद का असर देश के बैंकिंग, ट्रांसपोर्ट सेक्टर पर पड़ सकता है. केंद्र सरकार की ‘एंटी नेशनल’, अर्थव्यवस्था विरोधियों नीतियों के खिलाफ इस बंद को बुलाया गया है. संगठन की ओर से दावा किया गया है कि इस भारत बंद में 25 करोड़ लोग शामिल होंगे.
ट्रेड यूनियनों की मांग क्या है?
जिन ट्रेड यूनियन ने भारत बंद बुलाया है, उनका दावा है कि केंद्र सरकार की ओर आर्थिक और जन विरोधी नीतियों को लागू किया जा रहा है. इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे लेबर लॉ का भी विरोध किया जा रहा है. स्टूडेंट यूनियन की ओर से शिक्षण संस्थानों में फीस बढ़ाने का विरोध किया जा रहा है. यूनियन की मांग है कि केंद्र सरकार का कर्मचारियों से बातकर नीतियों को आगे बनाना चाहिए.
यूनियन की तरफ से 13 प्वाइंट की मांग रखी गई हैं, जिनमें आम लोगों की जरूरत वाली चीजों के बढ़ते दाम को काबू करना भी शामिल है. पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम, बेरोजगारी, महंगाई पर काबू पाने के लिए नीति बनाना.
इसके अलावा जो मुख्य मांग है कि मजदूरों की तन्ख्वाह बढ़ाना, इस मांग को काफी लंबे समय से रखा जा रहा है. यूनियन की मांग है कि यूनियन मजदूरों की न्यूनतम तन्ख्वाह 21 हजार रुपये प्रति माह होनी चाहिए.