संघ से आए पदाधिकारी राम माधव को कांग्रेस शासित राज्यों की सौंपी जा सकती है जिम्मेदारी!
भोपाल
नागरिकता कानून पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एमपी समेत चार राज्यों की गतिविधियों पर खासतौर पर फोकस कर रहा है। इनमें से तीन राज्य ऐसे हैं, जहां कांग्रेस की सरकार है। इसलिए संघ यहां की गतिविधियों के बारे में अपने क्षेत्र प्रचारकों और प्रांत प्रचारकों के माध्यम से रोज फीडबैक लेने का काम कर रहा है। यहां के संघ पदाधिकारी इसकी रिपोर्ट जयपुर में संघ की वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार को भेजते हैं और फिर उनके माध्यम से जानकारी संघ मुख्यालय तक पहुंचती है।
दो जनवरी से संघ की इंदौर में चल रही बैठकों में संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत सभी वरिष्ठ पदाधिकारी मंथन कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार संघ की बैठक में यह सहमति बनी है कि बीजेपी में राष्ट्रीय महासचिव की भूमिका निभा रहे संघ से आए पदाधिकारी राम माधव को कांग्रेस शासित राज्यों की जिम्मेदारी सौंपी जाए। ऐसे में संघ की सलाह पर बसंत पंचमी के बाद होने वाले बीजेपी के राष्ट्रीय अधिवेशन में इस पर मुहर लग सकती है। राम माधव को एमपी, छत्तीसगढ़, राजस्थान और झारखंड की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
सहस्त्रबुद्धे को मिलेगी नई जिम्मेदारी
दूसरी ओर संघ की विचारधारा के नेता और मध्यप्रदेश के प्रभारी डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे को एमपी के बजाय कहीं और की जिम्मेदारी मिल सकती है। सूत्रों का कहना है कि संघ की अलग-अलग बैठकों में सीएए, धारा 370, राम मंदिर के साथ एनपीआर भी चर्चा में रहा है। सीएए का मुद्दा सबसे ज्वलंत है। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और यूपी में इस कानून के समर्थन और फीडबैक लेने की जिम्मेदारी संघ के वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार के पास है जो जयपुर मुख्यालय में बैठते हैं।