भाजपा मंत्रियों के OSD रह चुके कर्मचारियों की होगी छुट्टी
भोपाल
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी सरकार के मंत्रियों को निर्देश दिए है कि वे अपने निज स्टाफ से उन ओएसडी (विशेष सहायक) व पीए को हटा दें, जो भाजपा शासनकाल के दौरान भी बतौर मंत्रियों के स्टाफ में काम करते रहे हैं। यह निर्देश देते हुए मख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रियों से कहा कि ऊपर से आदेश हैं कि मंत्रियों के यहां जो भाजपा सरकार वाले ओएसडी व स्टाफ हैं, उन सभी को हटा दें। कोई मंत्री कुछ कहे इससे पहले ही मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल शिवराज सिंह चौहान से पहले जब मैं केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री था, तब मेरे स्टाफ में थे।
नाथ ने कहा तब सज्जन वर्मा अशोक वर्णवाल को लेकर आए थे कि इन्हें रख लो। कुछ मंत्रियों ने कहा कि जब हम पूर्व में मंत्रिमंडल में थे, तब ये हमारे स्टाफ में थे। सीएम ने कहा कि हनीट्रैप मामले में ओएसडी के नाम आने से बदनामी होती है। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को छवि सुधारने और कार्यकर्ताओं की बात सुनने की भी हिदायत दी।
कैबिनेट बैठक में अनौपचारिक चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 15 साल में जो भू-माफिया, रेत माफिया, टोल माफिया आदि की पैदावार बढ़ी थी। हमने पहले वर्ष में उस माफिया पर नकेल कसी है। अवैध निर्माणों को तोड़ा गया है। सीएम ने कहा कि हम स्वस्थ और सुरक्षित मप्र देना चाहते हैं, यह उसकी तरफ बढ़ाया गया एक कदम है। बैठक में सीएम ने मंत्रियों को निर्देश दिए की अभी रिपोर्ट कार्ड बनाकर दें की विजन डॉक्युमेंट के रूप में सालभर में वे क्या काम करेंगे, ताकि उसमें कहीं सुधार की गुंजाइश हो, तो किया जा सके। उन्होंने कहा कि हम जतना के बीच जाते हंै, उनके सुझावों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। सीएम ने 20-20 मिशन को लेकर सभी विभागों की अलग-अलग जिम्मेदारी तय कर दी है।
उन्होंने कहा कि विभागों को समृद्ध मप्र बनाने के लिए योजनाएं बनाने के निर्देश दिए हैं। फर्जी राशन कार्ड को लेकर अभियान खाद्य मंत्री प्रद्युन सिंह तोमर ने बताया कि फर्जी राशन कार्ड को लेकर सरकार प्रदेश में अभियान चला रही है। यह अभियान लगातार चलेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 1.17 करोड़ राशन कार्ड हैं। जिनके आधार पर 5.40 करोड़ परिवारों को राशन दिया जा रहा है। इनमें से तीन से चार फीसदी कार्ड फर्जी पाए गए हैं। इन कार्डों में जिनके नाम दर्ज हैं। उनकी या तो मृत्यु हो चुकी है या फिर वे शहर या क्षेत्र छोड़ चुके हैं। ऐसे लोगों के नाम हटाकर राशन कार्ड की कतार में लगे 46 लाख लोगों के कार्ड बनाए जाएंगे।