जी न्यूज़ तो ये भी है, सहकार ग्लोबल कम्पनी को रेत खदान सौपाने की क्या है जल्दी बाजी
जयसिंहनगर के ग्राम पंचायत रेउसा के सेमरपाखा रेत खदान का मामला, मई में हुई थी लोकसुनवाई
शहडोल जिले मे सहकार ग्लोबल कम्पनी और उनकी मशीनो की चर्चा कोई नई बात नहीं है वन्य जीवो के अस्तित्व पर खतरा तो मंडरा ही रहा है वही खनिज संपद के दोहन की बात से इंकार नहीं किया जा सकता जी न्यूज़ तो यह भी है की एक प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनल का एक करिंदा अधिकारियो पर सहकार ग्लोबल के लिए दवाब बनवाता आ रहा है, जिसके लिए अधिकारी भी सहकार ग्लोबल के वैध अवैध कार्यों की तरफ से अपनी नज़र घुमा लेते है।
शहडोल,सहकार ग्लोबल कम्पनी को रेत खदान यदि इस स्थान पर स्वीकृत हो जाती है तो निश्चय ही हाथियों के साथ बाघ व वन्यजीवों का मूवमेंट, बफर सीमा से लगे क्षेत्र में खदान स्वीकृति देने की तैयारी है। पर्यावरण व प्रदूषण विभाग की अनुमति का इंतजार, क्षेत्र में पहले से चल रही एक खदान। 10 हाथियों की मौत वाले घटनास्थल और बफर के नजदीक सेमरपाखा में खनन की तैयारी । जयसिंहनगर के ग्राम पंचायत रेउसा के सेमरपाखा रेत खदान का मामला, मई में हुई थी जनसुनवाई .
अवैध तरीके से करा रहे थे खनन, कई मशीनें हुई थी जब्त
खदान पहले से ही चल रही है, अब जल्द ही दूसरी रेत खदान भी यहां शुरू हो जाएगी। इन रेत खदानों से न केवल वन्यजीवों के मूवमेंट में दखल पड़ेगा बल्कि इससे उनके जीवन पर भी संकट रहेगा। इन सबको नजर अंदाज कर कारोबारियों को लाभ पहुंचान बड़े अफसर पूरे प्रयास में लगे हुए हैं। इसके लिए प्रक्रिया पूर्व में ही शुरू कर दी गई है। मई में गांव में लोकसुनवाई भी आयोजित की गई थी। इसके बाद पर्यावरण अनुमति के लिए फाइल भोपाल भेजी गई है। ईसी की अनुमति मिलने के साथ ही आगे की प्रक्रिया पूर्ण कर खनन शुरू हो जाएगा।
ग्रामीणों की आपत्ति के बाद भीं खदान का ठेका देने की साजिश
सेमरपाखा रेत खदान के लिए मई में हुई जनसुनवाई में ग्रामीणों ने आपत्ति की थी। ग्रामीणों का कहना था कि पूर्व में खनन कंपनी ने खदान स्वीकृति के लिए जो वायदे किए थे उनमें से एक का भी इंप्लीमेंट नहीं हुआ। स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण की बात कही गई थी। क्षेत्र में कहीं भी कंपनी ने पौधरोपण नहीं किया और न ही स्थानीय लोगों को रोजगार दिया। नदी में बड़ी-बड़ी
मशीनें लगाकर रेत खनन किया है और गाँव के हितार्थ कोई भी काम सहकार ग्लोबल कम्पनी द्वारा नहीं किया गया
खदान से कुछ दूरी पर पनपथा बफर की सीमा
ग्राम पंचायत रेउसा सेमरपाखा में सोन नदी पर जहां रेत खदान
स्वीकृति की तैयारी चल रही है, वह बांधवगढ़ नेशनल पार्क के पनपथा बफर से लगा हुआ क्षेत्र है। खदान से कुछ ही दूरी पर से बफर जोन की
सीमा प्रारंभ हो जाती है। बफर जोन से लगे होने की वजह से वन्यजीवों का मूवमेंट इस क्षेत्र में लगातार बना रहता है। हाथी, बाघ व नील गाय का भी मूवमेंट रहता है। वन्यजीव विचरण क्षेत्र में मशीनों व भारी वाहनों का प्रवेश यहां की वनसंपदा, वन्यजीवों के लिए खतरा साबित होंगी लेकिन शहडोल जिले मे पदस्थ अधकारियों को सहकार ग्लोबल को खदान सौपने की इतनी जल्दीबाज़ी कई संदेहो को जन्म देता है।