November 15, 2024

स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर-1 बना इंदौर कचरे से ऐसे कर रहा करोड़ों की कमाई

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इंदौर
केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत अभियान (Clean India Initiative) के लिये इंदौर नगर निगम (Indore Municipal corporation) के सलाहकार असद वारसी के मुताबिक पीपीपी मॉडल के आधार पर एक निजी कम्पनी ने शहर में 30 करोड़ रुपये के निवेश से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युक्त ऑटोमेटिक प्रसंस्करण संयंत्र लगाया है. देश में संभवत: अपनी तरह के इस पहले संयंत्र में हर दिन 300 टन सूखे कचरे का प्रसंस्करण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कोई 35 लाख की आबादी वाले इंदौर में रोज तकरीबन 1,200 टन कचरे का निपटारा किया जाता है, इसमें 550 टन गीला कचरा और 650 टन सूखा कचरा शामिल है.

वारसी ने बताया कि रोबोटिक प्रणाली वाले इस संयंत्र की खासियत ये है कि इसका सेंसर सूखे कचरे को छांट कर अलग कर देता है. प्रसंस्करण के बाद सूखे कचरे में से कांच, प्लास्टिक, कागज, गत्ता, धातु आदि पदार्थ अलग-अलग बंडलों के रूप में बाहर निकल जाते हैं. इस संयंत्र के लिये आईएमसी ने 4 एकड़ जमीन दी है. उन्होंने बताया कि इस जमीन पर संयंत्र लगाने के अलावा इंदौर में और कोई वित्तीय निवेश नहीं किया है, हालांकि एग्रीमेंट के मुताबिक, संयंत्र लगाने वाली निजी कम्पनी कचरे के प्रसंस्करण से होने वाली आय में से आईएमसी को हर साल 1.51 करोड़ रुपये का प्रीमियम देगी.

इंदौर नगर निगम के सलाहकार असद वारसी ने बताया कि आईएमसी गीले कचरे के प्रसंस्करण से कम्पोस्ट खाद और बायो सीएनजी ईंधन बना रहा है. इसके अलावा मलबे से ईंटें, इंटरलॉकिंग टाइल्स और अन्य निर्माण सामग्री बनायी जा रही है. इन सभी उत्पादों की बिक्री से शहरी निकाय को कुल 2.5 करोड़ रुपये की सालाना कमाई हो रही है.

उन्होंने बताया कि 3 गैर सरकारी संगठनों को घर-घर से सूखा कचरा इकट्ठा करने का जिम्मा सौंपा गया है. पहले चरण में ये गैर सरकारी संगठन शहर के करीब 22,000 घरों से सूखा कचरा इकट्ठा कर रहे हैं. घर के मालिकों को हर एक किलोग्राम सूखे कचरे के बदले एनजीओ की ओर से 2.5 रुपये का भुगतान किया जा रहा है.

देश भर में 'स्वच्छता सर्वेक्षण 2020' 4 जनवरी से शुरू हो चुका है जो 31 जनवरी तक चलेगा. इस सर्वेक्षण की दो आरंभिक लीगों की रैंकिंग में मध्य प्रदेश का यह सबसे बड़ा शहर देश भर में अव्वल रहा है. आवास और शहरी मामलों के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दो स्वच्छ सर्वेक्षण लीगों (अप्रैल से जून और जुलाई से सितंबर) के तिमाही आधारित नतीजे 31 दिसंबर को नयी दिल्ली में घोषित किये थे.

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