500 में बिका शहडोल परिवहन विभाग,रिश्वत लेते कैमरे में कैद हुआ बाबू परमिट के नाम पर मांगा 500 की रिश्वत

शहडोल RTOका रिश्वतखोर बाबु परमिट के नाम पर 500रूपए की रिश्वत लेते कैमरे में हुआ कैद..
जोगी एक्सप्रेस

यह पूरा मामला
ये है मामला शहडोल नगर के वाहन चालक अपने वाहन का परमिट बनवाने के लिए परिवहन कार्यालय गया जहां उसकी मुलाकात शंभू दयाल शर्मा से हुई जहां शंभू दयाल शर्मा ने समस्त दस्तावेज लेने के बाद परमिट की फीस जमा करने को कहा इसके साथ ही 500रुपए की रिश्वत अपने अधिकारी के लिए मांगा कर रह था ,बाबु को ५०० रूपए मिलने के बाद बाबु ने बताया कि यह पैसा साहब को देना है तभी काम होगा ,नहीं तो बिना पैसा देखे साहब तुम्हारी फ़ाइल् को देखेंगे भी नहीं , यदि काम जल्दी करवाना है तो 500 रुपए लगेंगे इतना कहकर शर्मा अपने काम में लग गए वहीं एक युवक ने इसकी पूरी जानकारी जोगी एक्सप्रेस की टीम को दी तभी आनन-फानन में जोगी एक्सप्रेस की टीम मौके पर पहुंची और मामले को समझने के बाद शंभू दयाल शर्मा से मुलाकात की मुलाकात के दौरान शंभू दयाल शर्मा द्वारा फीस के अलावा 500रुपए की रिश्वत मागने की बात से मुकर गए जिसे जोगी एक्सप्रेस की टीम ने अपने कैमरे में पहले ही कैद कर लिया था ।
और भी हैं मामले
हाल ही में एक और मामला सामने आया है जिसमें आरटीओ खुद अपने कागजी कार्यवाहियों में उलझते नज़र आ रहे है , दरअसल मामला यह है कि पक्षीराज बस ट्रेवल्स के मालिक को ऑल इंडिया टूरिस्ट का परमिट मिला है, परंतु बस के मालिक को अभयदान भी इसी कार्यालय से मिला हुआ हैं, इतना ही नहीं सूत्रों की माने तो साहब ने तो अपने नुमाइंदे को पूरी तरह समझा कर रखा है कि परमिट के नाम पर 500 लेना है और लाइसेंस के नाम पर 200 से 300 रूपय लेना है यदि रुपए ना देने की बात कही जाए तो ना परमिट मिलेगा और ना ही अन्य कोई कार्य होगा जबकि इस कार्यालय में दूरदराज से लोग यहां पर आते हैं और अपनी गाढ़ी कमाई का हिस्सा रिश्वत के रूप में साहब के अधीनस्थ मतहतो को देते हैं।
बाबू को मिला आर.टी.ओ. का अभयदान

नहीं होती कार्यवाही
जिला परिवहन कार्यालय में आए दिन रिश्वतखोरी की खबरें जोगी एक्सप्रेस में प्रकाशित हो रही है बावजूद इसके प्रशासन हरकत में नहीं आया और यही कारण है कि परिवहन कार्यालय में खुलेआम भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का खेल खेला जा रहा है लेकिन इस पर प्रशासन का कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है, जबकि अधिकारियों की माने तो कार्यालय में समुचित व्यवस्थाएं होने के बावजूद भी,इस तरह खुले तौर पर रिश्वत किस तरह लिया जा सकता है । महत्वपूर्ण पहलू तो यह है कि खबर प्रकाशित होने के बावजूद भी उक्त कार्यालय का ना तो कभी निरीक्षण होता है और ना ही अन्य अधिकारी जांच पर जाते हैं शायद यही कारण है कि खुले तौर पर परिवहन कार्यालय में भ्रष्टाचार का खेल शुरू है।जिसमे सभी गोता लगा रहे है !
इनका कहना है …
1,इसकी जानकारी मुझे नहीं है मैं अपने बाबू से पूछ कर आपको जानकारी दूंगा
लालताराम सोनवानी
जिला परिवहन अधिकारी शहडोल
2,मामले के संदर्भ में जब परिवहन विभाग के उपायुक्त से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नहीं उठा
अजय गुप्ता
उपायुक्त परिवहन विभाग
