कमलनाथ सरकार बांस उद्योग के जरिए बेरोजगारी पर लगाएगी रोक
भोपाल
मध्य प्रदेश में बढ़ रही बेरोजगारी की समस्या पर रोक लगाना सरकार का मिशन है. इसके लिए वह छिंदवाड़ा में पायलट प्रोजेक्ट के तहत बांस उद्योग शुरू करने जा रही है. प्रोजेक्ट के तहत बेम्बोस टुल्डा प्रजाति के बांस की खेती की जाएगी. खेती करने के लिए जिला स्तर पर किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और इसके लिए पौधे असम और त्रिपुरा से मंगाए जाएंगे. कमलनाथ सरकार ने क्षेत्र के विकास करने और बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ने का एक नया प्लान तैयार किया है. ये प्लान है छिंदवाड़ा में बांस उद्योग को लाने का. बांस उद्योग से अगरबत्ती और चारकोल तैयार किया जाएगा.
सरकार करेगी ये काम
बांस उद्योग को स्थापित करने के लिए पहले चरण में 600 हेक्टेयर में बांस की खेती की जाएगी, जिसमें 500 हेक्टेयर जंगल की जमीन और 100 हेक्टेयर में प्राइवेट भूमि पर पौधे रोपे जाएंगे. प्राइवेट भूमि पर खेती करने किसानों को 120 रुपए प्रत्येक पौधे पर अनुदान देने का सरकार ने फैसला लिया है. खेती करने के जिला स्तर पर किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. जबकि डीएफओ को वन क्षेत्र में बांस की खेती के लिए डीपीआर तैयार करने के सरकार ने निर्देश दे दिए हैं.
भाजपा ने साधा निशाना
इस मामले पर बीजेपी के पूर्व मंत्री विश्वास सारंग ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सारंग की मानें तो सरकार ने जनता के साथ वादाखिलाफी की है. बीजेपी का आरोप है कि सरकार तमाम योजनाओं को मात्र अमलीजामा पहनाने का काम करती है. साथ ही बीजेपी ने सवाल उठाते हुए सरकार से पूछा है कि सरकार के लिए प्रदेश क्या मात्र छिंदवाड़ा तक ही सीमित है, क्योंकि छिंदवाड़ा सीएम कमलनाथ का गृह जिला है. नसीहत देते हुए सारंग ने कहा कि सरकार को चाहिए की वो ऐसी कामगार योजनाएं बनाएं जिससे प्रदेश में वाकई रोजगार बढ़े, ताकि योजनाएं मात्र घोषणा भर बन कर रह जाएं.
सरकार का जवाब, जनता की उम्मीद
जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि शुरुआती दौर में ये प्रोजेक्ट छिंदवाड़ा से शुरू किया जा रहा है और इस प्रोजेक्ट के सफलता मिलते ही सरकार इसे अन्य जिलों में भी चलाएगी. जबकि बीजेपी की नजर प्रदेश के बेरोजगारों के आकड़ों की तरफ है. इन सब के बीच प्रदेश की जनता की उम्मीद इस बात पर टिकी है कि सरकारी योजनाएं जल्द शुरू हों, ताकि नौकरी के लिए बेरोजगार अन्य राज्यों का मुंह ना ताकें