ताइवान की राष्ट्रपति ने कहा, द्वीप के लोकतंत्र को चीन से खतरा
ताइपे
ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने अमेरिका तथा दूसरे सहयोगियों के साथ संबंधों को और मजबूती देने के आह्वान को रेखांकित करते हुए रविवार (29 दिसंबर) को कहा कि स्वशासन वाले इस द्वीप के लोकतंत्र को विरोधी चीन से प्रत्यक्ष खतरा है।
साई मुख्य विपक्षी नेशनलिस्ट पार्टी के हान कुओ-यू और पीपल्स फर्स्ट पार्टी के वयोवृद्ध नेता जेम्स सूंग के साथ एक परिचर्चा के दौरान बोल रही थीं जिसका टीवी पर प्रसारण किया गया। ताइवान में राष्ट्रपति और विधायिका चुनाव 11 जनवरी को होने हैं।
अधिकतर सर्वेक्षणों में साई को आगे बताया जा रहा है और उनके दुबारा चार साल के कार्यकाल के लिए चुने जाने की संभावना है। साई ने कहा कि वह ताइवान की स्वतंत्रता और जीवनशैली को बरकरार रखेंगी तथा संविधान या द्वीप के आधिकारिक नाम, द रिपब्लिक ऑफ चाइना, को नहीं बदलेंगी।
साई ने कहा, “ताइवान की सबसे गंभीर चुनौती चीन की विस्तारवादी महत्वाकांक्षा से पैदा होती है। हमारे क्षेत्र में स्थिति ज्यादा जटिल है और ताइवान की संप्रभुता-इसकी स्वतंत्र, लोकतांत्रिक जीवनशैली को- छीने जाने या कमतर किए जाने के खतरे का सामना कर रही है।”
उन्होंने कहा, “हमें अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों को और गहनता तथा मजबूती देने की जरूरत है और अभी हम आर्थिक संदर्भ में यह कर रहे हैं तथा कई देशों के साथ समान रूप से ऐसा कर रहे हैं।”