शहडोल RTO की मेहरबानी से असमय काल के गाल में समा रहे यात्री:जिम्मेदार पैसा बनाने में मशगूल
जोगी एक्सप्रेस
शहडोल ,अखिलेश मिश्रा ,संभागीय परिवहन कार्यालय खुलने के बाद परमिट का खेल जोरो के साथ शुरू हुआ है जिले में जिस तरह से परमिट का कारोबार किया गया है उसके अब रहस्य धीरे धीरे बेपर्दा होने लगे हैं यू तो पूर्व में भी कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें वाहन स्वामी की मृत्यु के बाद भी परमिट जारी करने तथा नियमों को तार तार करने का मामला सामने आया है वर्तमान में शहडोल के एक बड़े बस संचालक की बसों एवं उनकी परमिट का रहस्य जन चर्चाओं में है इसके पीछे की कहानी क्या है और इससे किस-किस तरह का नुकसान हो सकता है इस पर विभाग की नजर नहीं जा रही है गलत परमिट का मामला भले ही वाहन संचालक के लिए लाभ का धंधा हो लेकिन अगर इससे कोई दुर्घटना होती है तो इसका खामियाजा सीधा बस में सवार यात्रियों को उठाना पड़ेगा ।
संभाग में ही बाणसागर के पास हुई बस दुर्घटना का मामला सामने आया था इसके साथ ही बुढ़ार के पास एक वाहन दुर्घटना का मामला सामने आया था व रीवा संभाग में सिंगरौली जिले में वाहन दुर्घटना का मामला सामने आया जिसमें परमिट की वजह से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा जिस परमिट के आधार पर वाहन संचालक होना चाहिए अगर उस परमिट में वाहन संचालक नहीं होता है तो यात्रियों को सीधे नुकसान उठाना पड़ता है और वाहन का बीमा होने के बाद भी यात्रियों को मुआवजा नहीं मिलता
सूत्रों की माने तो पक्षीराज बस संचालक के द्वारा जिस तरह से ऑल इंडिया परमिट पर यात्री परिवहन किया जा रहा है उससे यात्रियों की सुरक्षा पर प्रश्न लग गया है, वही यात्रा के दौरान जहां शासकीय नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं वही आमजन की जिंदगी को भी खतरे में डाला जा रहा है जिस वाहन में आने और जाने यात्रियों की जानकारी परिवहन विभाग में भेजी जा रही है वह निश्चित ही भिन्न है क्योंकि बस में जाने वाले यात्री और बससे लौटने वाले यात्रियों की जानकारी में अंतर है इस मामले को जहां परिवहन विभाग हल्के से ले रहा है वही दुर्घटना की स्थितियों में बस संचालक की यह व्यवस्था पूर्व परिवहन अधिकारियों पर कोई कार्यवाही की तरह ही ना हो जाए इस बात का अंदेशा भी बना हुआ है
गलत परिवहन में सवार यात्रियों को दुर्घटना के समय परेशानी का सामना करना पड़ता है जहां उन्हें शारीरिक आर्थिक छती होती है वही इसकी क्षतिपूर्ति करने के लिए वाहन का बीमा भी जिम्मेदार नहीं रहता बीमा कंपनी जहां पीड़ितों को सुविधा मुहैया नहीं कराती वही उनका तर्क कानूनी किताबों में बेवजह फस कर रह जाता है बस में यात्रा करने वाले यात्री जहां संपूर्ण करो का वह कर वाहन सुरक्षा का लाभ लेता है वही उसकी सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम काफी नहीं होते है।
पक्षीराज बस संचालक द्वारा बताए जा रहे वाहनों में विभिन्न तरह की अनियमितताओं के मामले कागजों में कैद है जो रहस्य बन कर सामने आ रहे हैं इन रहस्यों को विपदा किया गया तो परिवहन विभाग की यह हकीकत सामने आएगी जो व्यवस्थाओं का प्रशासनिक मापदंडों को भी सामने लाएगी जानकार सूत्रों की माने तो कच्ची पक्की गलतियां और बस परिवहन के नियम असत्य ही हैं जिन्हें परिवहन अधिकारी तथा यातायात प्रभारी के बीच हो रहे साठगांठ का खुला खेल माना जा रहा है की विभिन्न स्थानों से गुजरने वाले वाहन और उसके बीच होने वाली अनियमितताओं का रहस्य प्रशासनिक मापदंडों पर कई सवाल उठाते हैं!