अधिकारीयो के संरक्षण में लोक सेवा केंद्र ऑपरेटर डाल रहे ग्रामीणों के जेब में डाका , गिर सकती है गाज मामला तहसील कार्यालय ओड़गी का
जोगी एक्सप्रेस
सूरजपुर,अजय तिवारी : जिले के लोक सेवा व सीएससी केंन्द्रो में अनियमितताएं एवम भ्रष्टाचार चरम सीमा में व्याप्त है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण ओड़गी ब्लॉक में देखने सुनने को आया है जिसमे ग्रामीणों से लोक सेवा केंद्र एवम सीएससी संचालको द्वारा आधार ,आय ,जाती,निवास के नाम पर मनमाना वसूली किया जा रहा है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ओड़गी मुख्यालय सहित ब्लॉक अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतो में ग्रामीणो से आधार,आय,जाती,
निवास बनाने के नाम पर लोक सेवा व सीएससी केंद्र के आपरेटरों द्वारा मनमाने तरीके से राशि की मांग की जाती है यदि कोई व्यक्ति इनके मन मुताबित मांगी गई राशि नही देता है तो इनके द्वारा उस व्यक्ति को बार बार कोई न कोई कमियां बताकर केंद्र का चक्कर लगवाया जाता है जब वह व्यक्ति सब तरफ से हाथ पैर मारकर थक जाता है तो इनके पास पहुँचता है और फिर इनके मांग के अनुरूप पैसा देकर अपना कार्य कराता है । जिसकी शिकायत ग्रामीणों द्वारा जिले के कलेक्टर सहित सम्बंधित अधिकारियो से कई बार की गई जिसके पश्चात कलेक्टर ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए उक्त मामले में जांच हेतु अपर कलेक्टर को निर्देशित किया । जिस जांच में व्यापक पैमाने पर भर्राशाही सामने आईं ।
गौरतलब है कि कलेक्टर के निर्देश पर संयुक्त कलेक्टर ओ.पी.सिंह ,जिला समन्यवक विकास तिवारी व मनीष कुमार की संयुक्त दल द्वारा विकास खंड ओड़गी में एल. एस. के.केंद्र एवम सी.एस.सी. केंद्रों में व्याप्त अनियमितता एवं कार्य में लापरवाही बरतने की शिकायत पर निरीक्षण एवं जांच की गई ।
इस सम्बन्ध में अपर कलेक्टर ओ.पी.सिंह ने बताया की तहसील कार्यालय स्थित एल.एस. के. लोक सेवा केंद्र की जांच में लोक सेवा केंद्र ऑपरेटर उपेंद्र गुर्जर के द्वारा मनमानी वसूली की शिकायत सही पाई गई एवम साथ में मोती कुंवर से आधार कार्ड बनाने के नाम पर लिए गए सौ रुपए की वीडियो रिकार्डिंग की सीडी भी प्रॉप्त हुई ।जब इस सम्बन्ध में जांच दल द्वारा मौके पर उपस्थित लोक सेवा केंद्र ऑपरेटर उपेंद्र गुर्जर से पूछा गया तो उसके द्वारा प्रति व्यक्ति सौ रुपए लेना स्वीकार किया गया तथा जांच में यह भी पाया गया कि उक्त ऑपरेटर को तहसील कार्यालय में पदस्थ तहसीलदार, नायब तहसीलदार सालिक राम गुप्ता तथा लिपिक रामधनी सिंह का संरक्षण प्रॉप्त था जिस कारण उसके द्वारा प्रतिदिन कार्यालय में आने वाले ग्रामीणों से हजारो रूपये अतिरिक्त राशि का वसूली किया जाता है । जिसके पश्चात जांच टीम द्वारा ओड़गी में प्रदीप इन्फोटेक सीएससी ,विन्देश्वर ऑनलाइन कम्प्यूटर सीएससी की जाँच की गई जिसमें प्रदीप इंफोटेक में नियमानुसार केंद्र सही तरीके से संचालित होना पाया गया तथा बिंदेश्वर ऑनलाइन सीएससी फर्जी तरीके से संचालित होना पाया गया जिसमे जांच टीम ने जांच में पाया की उक्त सी.एस.सी. का अधिकृत क्षेत्र बिहारपुर है जबकी उसके द्वारा ओड़गी में कार्य करता हुआ पाया गया।वहिं जब जांचदल ने जायसवाल के बिहारपुर स्थित सीएससी केंद्र का जांच किया तो वहां पर भी बिना रेट लिस्ट चस्पा किये निर्धारित स्थान से अन्यत्र स्थान पर निजी दुकान में कार्य करते हुए मनमानी पैसा वसूली करना पाया गया जिस पर कार्यवाही करते हुए जांच दल द्वारा आधार कार्ड बनाने से सम्बंधित उपकरणों को जप्त कर लिया गया।
वहिं जांचदल ने ओड़गी विकासखण्ड अंतर्गत आने वाले बिहारपुर क्षेत्र के कई सीएससी केंद्रों का निरीक्षण किया गया जिसमें ग्राम खैरा स्थित सीएससी एजेंट जिला कोरिया में शिक्षक की नौकरी कर रहा है जो की बंद पाया गया, ग्राम मोहरसोप स्थित सीएससी केंद्र में कार्य बंद पाया गया ,ग्राम नवगई में सनातन जायसवाल सीएससी एजेंट निर्धारित स्थल से अन्यत्र अपने घर में कार्य करते पाया गया तथा रेट लिस्ट दोनों ही स्थानो पर चस्पा नही पाया गया, ठाढ़पाथर में विनय कुमार गुर्जर का सीएससी केंद्र बंद पाया गया ,ग्राम नवाटोला सीएससी केंद्र के एजेंट अनंत साहू निर्धारीत स्थल पर कार्य न करते हुए अपने घर में कार्य करते हुए पाया गया जिसके द्वारा भी रेट लिस्ट कहिं पर चस्पा नही किया गया है। वहिं बिहारपुर में उपेंद्र कुमार जो की ब्लॉक कॉर्डिनेटर है बिना सीएससी का संचालन किये ही बीसी बना है तथा बिना रेट लिस्ट चस्पा किये ही मनमाने ढंग से ग्रामीण बैंक के संरक्षण में कार्य करना पाया गया।
इस सम्बन्ध में अपर कलेक्टर ने यह भी बताया कि जांच उपरांत कलेक्टर सूरजपुर के समक्ष जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी गई है तथा उक्त मामले में पाए गए दोषी अधिकारी, कर्मचारी , लोक सेवा केंद्र ऑपरेटर तथा सीएससी केंद्र प्रभारीयो के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ ही एफआईआर दर्ज किये जाने की अनुशंसा भी की गई है।
अब इस मामले में देखना यह है कि क्या वाकई में कलेक्टर सूरजपुर द्वारा दोषी पाए गए अधिकारी,कर्मचारी,लोक सेवा केंद्र ऑपरेटर एवम सीएससी केंद्र के एजेंटो के विरुद्ध कोई ठोस कार्यवाही की जाती है या फिर यह जांच भी पूर्व के जांचों की भांति ही सिर्फ दिखावा ही साबित होती है।