जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा में देशभर में हो रही गिरफ्तारियां
नई दिल्ली
13 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के अस्तित्व में आने के बाद असम में लगी विरोध की आग देखते-देखते पूरे देश में फैल गई। पूर्वोत्तर के राज्यों के बाद प. बंगाल में प्रदर्शन के दौरान सरकारी संपत्तियों को जबर्दस्त नुकसान पहुंचाया गया और बेकाबू भीड़ ने खूब उन्माद फैलाया। उसके बाद जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में शुरू हुआ प्रदर्शन दिल्ली के कई मुस्लिम बहुल इलाकों तक पहुंच गया।
शुरुआत में शांत दिख रहा उत्तर प्रदेश भी बाद में धधक उठा। वहां पिछले दो दिनों में प्रदर्शनकारियों ने गजब उधम मचाया। ऐसी ही स्थिति गुजरात, बिहार, केरल समेत देश के अन्य राज्यों में भी देखी गई। हालांकि, प्रदर्शन के दौरान उत्पात मचानों पर नकेल भी कसने लगी है। इन राज्यों हजारों-हजार की तादाद में मुकदमे दर्ज कर सैकड़ों आरोपियों को हिरासत में लिया जा रहा है। कई आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार भी कर रही है।
यूपी में 667 लोग हिरासत
यूपी में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद कई शहरों में हुई हिंसा में 667 लोग हिरासत में लिए गए। इस बवाल में 38 पुलिसवाले भी चोटिल हुए। इस हिंसा में 11 लोगों की जान गई और 50 से अधिक लोग जख्मी हुए। गुरुवार को संभल में हुई हिंसा के लिए समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के खिलाफ केस दर्ज किया गया जबकि प्रदेशभर में करीब 3,000 लोग हिरासत में लिए गए। सिर्फ राजधानी लखनऊ में हिंसा के बाद 102 लोग हिरासत में लिए गए जबकि 31 लोगों को गिरफ्तार किया गया। बाद में डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि लखनऊ में 218 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि हिंसा में बाहरी तत्वों का हाथ है। सीएम योगी आदित्यनाथ से लोगों से शांति की अपील की। उन्होंने लोगों को सचेत करते हुए कहा कि वो अफवाहों से बचें और कानून को अपने हाथ में ना लें।
वहीं, भदोही पुलिस ने शनिवार को 24 लोगों को गिरफ्तार किया। जिले के एसपी राम बदन सिंह ने बताया कि शुक्रवार को मार्च निकाल रही भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया था और कई वाहन क्षतिग्रस्त कर दिये थे। उन्होंने बताया कि इस संबंध में 27 नामजद और 200 अज्ञात उपद्रवियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सिंह ने कहा कि किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। पूरे जिले में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के मद्देनजर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। स्थिति तनावपूर्ण किन्तु नियंत्रण में है।
प. बंगाल में अब तक 600 से अधिक अरेस्ट
बंगाल में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए राज्य में कई हिस्सों में सुरक्षा कड़ी कर दी है। राज्य में 13 से 17 दिसम्बर के बीच प्रदर्शनों में कई जगह आगजनी और हिंसा की घटना हुईं। इन घटनाओं में कथित संलिप्तता के मामले में अभी तक 600 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
दिल्ली में ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां
पुरानी दिल्ली के दरियागंज में शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को लेकर 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर भी शामिल हैं। शुरू में 10 लोगों को पकड़ा गया था, लेकिन बाद में छह और लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि इन पर दंगा करने और पुलिसकर्मियों को ड्यूटी निभाने से रोकने के लिए बल प्रयोग करने का आरोप लगाया गया है। पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार शाम को सुभाष मार्ग इलाके में खड़ी एक निजी कार को आग लगा दी थी। प्रदर्शन और हिंसा के संबंध में 40 लोगों को हिरासत में लिया गया। इनमें से आठ नाबालिगों को शनिवार तड़के रिहा कर दिया गया।
उधर, उत्तरपूर्व दिल्ली के सीमापुरी इलाके में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पथराव के आरोप में पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है। इस घटना में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त घायल हो गए थे। पुलिस ने शनिवार को बताया कि शाहदरा जिले के अतिरिक्त डीसीपी रोहित राजबीर सिंह को इस घटना में मामूली चोटें आईं। अब वह ठीक हैं। पुलिस ने बताया कि पड़ोसी इलाकों से पांच 'बाहरी' लोगों को घटना के संबंध में हिरासत में लिया गया है। पुलिस को संदेह है कि ये लोग उत्पात मचाने के इरादे से दिल्ली आए थे।