मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मक्का आधारित उद्योगों को बढ़ाने के लिये माँगे सुझाव
भोपाल
मुख्यमंत्री कमल नाथ छिन्दवाड़ा में प्रदेश में मक्का आधारित खेती एवं उद्योगों को बढ़ाने के लिये आयोजित परिचर्चा में शामिल हुये। उन्होंने वैज्ञानिकों, उद्योगपतियों, तकनीकीविदों तथा अग्रणी कृषकों से मक्के की खेती और मक्का आधारित उद्योगों को स्थापित करने के लिए जरूरी संसाधनों के बारे में चर्चा की। कमल नाथ ने मक्का आधारित उद्योगों की स्थापना के लिये शासन स्तर से हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि आवश्यकता होने पर शासन स्तर से मक्का आधारित उद्योगों की स्थापना के लिये नई नीतियां भी बनाई जायेगी। मुख्यमंत्री ने छिन्दवाडा तथा प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग ईकाईयों की स्थापना पर भी विस्तार से चर्चा की।
परिचर्चा में पुणे तथा विदेशों में फूड प्रोसेसिंग और मक्का आधारित उत्पादों के लिये काम करने वाले उद्योगपति शामिल हुये। परिचर्चा में पुणे के डॉ. राधाकृष्णन ने 'कॉर्न टू केमिकल' की संभावना के बारे में सुझाव दिये। उन्होंने मक्के से प्राप्त स्टार्च से रासायनिक उत्पादों तथा बायोडीजल आधारित उद्योगों की संभावना पर विचार व्यक्त किये। वैज्ञानिकों ने मक्के से बायोप्लास्टिक बनाने के बारे में जानकारी दी। इसके अलावा मैक्सिकों में कार्यरत हिमांशु मिश्रा ने मक्के से बनने वाले इथेनॉल उत्पादों के निर्माण तथा उनसे होने वाली आय के बारे में बताया।
परिचर्चा में अग्रणी किसानों से भी संवाद किया गया। संवाद में नरसिंहपुर के सौरभशंकर दुबे, जबलपुर के राकेशसिंह, छिन्दवाडा के बुधमान मोहने एवं नरेन्द्र ठाकरे शामिल हुए। प्रगतिशील किसानों ने मुख्यमंत्री कमल नाथ से फूड प्रोसेसिंग यूनिट की आवश्यकता, कृषि उत्पादों की कीमतों में स्थिरता की नीति, सब्सिडी और जरूरी स्थानीय आवश्यकताओं के बारे में मांग की। इस अवसर पर सांसद नकुल नाथ, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जिले के प्रभारी मंत्री सुखदेव पांसे, कृषि मंत्री सचिन यादव विधायक जुन्नारदेव सुनील उईके और पूर्व विधायक दीपक सक्सेना और अधिकारी उपस्थित थे ।
कार्न फेस्टीवल में छाया अरमान मलिक के संगीत का जादू
कार्न फेस्टीवल छिंदवाड़ा-2019 में स्थानीय पुलिस परेड ग्राउंड में ख्यातिलब्ध सिंगर अरमान मलिक ने अपनी संगीतमयी सुर लहरियों से सम्पूर्ण परिसर को गुंजायमान किया। मुख्यमंत्री कमल नाथ और सांसद नकुल नाथ द्वारा सिंगर अरमान मलिक और सुज्योति मलिक को शाल-श्रीफल से सम्मानित किया गया।