November 23, 2024

निर्भया कांड को सात साल बीते, लेकिन न दरिंदगी रुकी, न घटा न्याय का इंतजार

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 नई दिल्ली 
हैवानियत हर दिन नई शक्ल में सामने आती है और इंसाफ का चेहरा तो लोग इस कदर भूले कि एनकाउंटर को न्याय का दर्जा दे दिया। निर्भया कांड को सात साल बीते मगर कोई सात  दिन या कोई सात घंटे ऐसे नहीं बीते, जिसमें देश की कोई बेटी बेआबरू न होती हो।

इंसाफ की प्रक्रिया कमोबेश यही है – पकड़ने लिए प्रदर्शन, दोष सिद्ध करने की लड़ाई और फिर सजा दिलाने का संघर्ष। कई बार तो मामला दर्ज करवाना ही जंग जैसा हो जाता है और इस सबके बाद सामने आता है ये आंकड़ा। देश में हर 13 मिनट में दुष्कर्म की एक घटना होती है और दोषसिद्धि की दर केवल 32.2 प्रतिशत है। यह राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी की रिपोर्ट है।

निर्भया मामला: 7 साल 7 सवाल, पुलिस में तालमेल की कमी से होती है इंसाफ में देरी

2017 के लिए उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, उस वर्ष बलात्कार के मामलों की कुल संख्या 1,46,201 थी, लेकिन उनमें से केवल 5,822 लोगों की दोषसिद्धि हुई। हमने उत्तराखंड, यूपी, बिहार और झारखंड में हुए रेप के मामलों की पड़ताल की और सामने आया इंसाफ का इंतजार करती निर्भया की मां का चेहरा।

साल            यौन हिंसा मामले        दोष सिद्धी
2012          2,44, 270                  27.1 %
2017          3,59,849                   32.2%

90  दुष्कर्म की घटनाएं हर दिन हो रहीं थीं 2012 में
44 बलात्कार की घटनाएं 2017 में हर दिन घटीं
(सभी आंकड़ें राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो -2017 के हैं)

उत्तर प्रदेश : उन्नाव कांड में आज  फैसला आने की उम्मीद
वर्ष           रेप के मामले
2019       2553 (15 नवंबर तक )
चर्चित मामले
* 4 जून 2017: उन्नाव में सामूहिक बलात्कार और पीड़िता के पिता की हत्या
केस की स्थिति : भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व उनके सगे भाई अतुल सेंगर समेत कई आरोपित जेल में हैं। आज फैसला आने की उम्मीद।
* 5 दिसंबर 2019: उन्नाव के बिहार थाना क्षेत्र में पीड़िता को जिंदा जलाया
स्थिति : पीड़िता की मौत, पांच आरोपी गिरफ्तार

झारखंड : खुले घूम रहे आरोपी

वर्ष   2019  : रेप के मामले  1947 (अक्तूबर तक)
चर्चित मामले
* 27 मई 2013 : देवघर में दो नाबालिगों की दुष्कर्म के बाद हत्या
स्थिति : आरोपियों की पहचान तक नहीं हो पाई
* 08 अप्रैल 2016 :  नाबालिग से गैंग रेप
स्थिति : तीन को उम्रकैद
* 6 सितंबर 2017 : दुमका में 13 लड़कों ने एक 19 वर्षीय छात्रा से गैंगरेप किया
स्थिति : 11 आरोपियों को उम्रकैद।
* 04 सितंबर 2018 : टुंडी चरक गांव के जंगल में आठवीं की छात्रा से गैंगरेप और हत्या
स्थिति : पुलिस के हाथ अब तक खाली

उत्तराखंड : बढ़ता जा रहा ग्राफ
साल       रेप के मामले
2016     278
2017     304
2018     394
2019     419 (अब तक)

बिहार :  मामले और बढ़ गए
वर्ष             रेप के मामले
2012          927 
2019          1165  (सितंबर तक)

मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड से पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले बिहार में इसी वर्ष सितंबर तक रेप के 1165 मामले दर्ज हो चुके हैं, पूरे साल के आंकड़े अभी आना बाकी है। सात साल पहले यानी 2012 में कुल 927 मामले दर्ज हुए थे।

चर्चित मामले
* मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड : देश की  यह सबसे बड़ी घटना थी जिसमें एक छत के नीचे इतनी नाबालिगों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं  सामने आई थीं।
स्थिति : सुनवाई पूरी। फैसला सुनाने की तारीख 14 जनवरी 2020 तय हुई है।
* कटरा गैंगरेप : 2018 में एक लड़की के साथ गैंग रेप।
स्थिति : चार आरोपियों को उम्रकैद।
* नरकटियागंज कांड : पश्चिम चंपारण में 10 दिसंबर 19 वर्षीया युवती को घर में घुसकर जिंदा जला दिया। गर्भवती होने पर जब युवती ने शादी का दबाव बनाया था।
स्थिति : आरोपी गिरफ्तार।  

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