नागरिकता: पूर्वोत्तर में उबाल, 6 राज्यों की ना
मुंबई
एक ओर जहां नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूर्वोत्तर में हिंसक प्रदर्शन जारी हैं, वहीं एक-एक कर राज्य इसे लागू करने से साफ इनकार कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल, केरल और पंजाब के बाद अब महाराष्ट्र ने भी संकेत दिया है कि वह इस कानून को लागू नहीं करेगा। दरअसल, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बाला साहेब थोराट ने शुक्रवार को इस कानून पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'हम अपनी पार्टी तृत्व की नीति का पालन करेंगे।' गौरतलब है कि कांग्रेस ने इस बिल का पुरजोर विरोध किया है।
इससे पहले पंजाब के सीएम कैप्टन सिंह के ऑफिस की ओर से गुरुवार को यह ऐलान किया गया कि राज्य में इसे लागू नहीं किया जाएगा। वहीं, केरल के सीएम पिनरई विजयन ने भी कहा है कि उन्हें भी यह स्वीकार नहीं है। विजयन ने इसे असंवैधानिक बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार भारत को धार्मिक आधारों पर बांटने की कोशिश कर रही है।
उधर, पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार में मंत्री डेरेक ओ ब्रायन ने केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में एनआरसी और कैब दोनों लागू नहीं किए जाएंगे। ओ ब्रायन ने कहा कि सीएम ममता पहले ही यह बात कह चुकी हैं।
पूर्वोत्तर भारत में कानून पर उबाल
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूर्वोत्तर भारत के तीन राज्यों असम, मेघालय और त्रिपुरा में तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। असम में स्कूलों और कॉलेजों को 22 दिसंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है। सेना और पुलिस की तैनाती के बाद भी प्रदर्शनकारी लगातार कर्फ्यू का उल्लंघन कर रहे हैं। यहां तक कि उनपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील का भी कोई असर नहीं पड़ा।
मेघालय में प्रदर्शन जारी
प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को यात्रियों से भरी एक ट्रेन में आग लगाने का भी प्रयास किया। राज्य में पुलिस फायरिंग में अब तक 2 लोग मारे गए हैं और 9 अन्य घायल हो गए हैं। इस बीच प्रशासन ने डिब्रूगढ़ में कर्फ्यू में सुबह 8 बजे से एक बजे तक ढील दी है। मेघालय में भी प्रदर्शनों का दौर जारी है।