14 विवि डिप्टी रजिस्ट्रार और प्रोफेसरों के भरोसे, रजिस्ट्रार को लीड विवि से हटाकर छोटे विवि में भेजा
भोपाल
प्रदेश के 14 विश्वविद्यालयस 80 फीसदी डिप्टी रजिस्ट्रार और प्रोफेसरों के भरोसे चलेंगी। रजिस्ट्रार को लीड विश्वविद्यालय से हटाकर छोटे विवि में भेज दिया है। इससे सभी विवि स्थिति डगमगा गई है। अब शासन ने विवि की स्थिति को ठीक करने सभी रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार और असिस्टेंट रजिस्ट्रार से बैठक करने का निर्णय लिया है।
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में डीआर अजीत श्रीवास्तव, जीवाजी विवि ग्वालियर में डीआर आईके मंसूरी, भोज मुक्त विवि में डीआर एचएस त्रिपाठी, देवी अहिल्या विवि इंदौर में डीआर अनिल शर्मा, एपीएस विवि रीवा में डीआर लाल साहब सिंह, विक्रम विवि उज्जैन डीआर एसके बग्गा को प्रभारी रजिस्ट्रार नियुक्त किया है। वहीं आरडीविवि जबलपुर में प्रो. कमेशल मिश्रा, शहडोल विवि में प्रो. विनय सिंह, छतरपुर विवि प्रो. पुष्पेंद्र पटैरिया और छिंदवाड़ा विवि में अपर कलेक्टर राजेश बाधम को नियुक्त किया गया है, लेकिन उन्होंने अपना पदभार ग्रहण नहीं किया है।
नियम परिनियम की जानकारी नहीं होने के कारण वे कुलपतियों के हाथ की कठपुतलियां बन गए हैं। शासन ने अपने विवि से रजिस्ट्रार डॉ. बी भारती, कमलाकर सिंह, राकेश सिंह चौहान के साथ डीआर शैलेंद्र जैन, सुनील खरे, डॉ. सुनीता देवरी और स्वाति वशिष्ठ को मूल विवि से दूर रखा है। जबकि उनके अनुभवों को विवि से दूर रखा गया है। वर्तमान में प्रदेश के सभी विवि की स्थिति काफी लचर बनी हुई है। क्योंकि शासन ने रजिस्ट्रार और अनुभवी डीआर को मूल विवि से हटाकर छोटे स्थानों पर पदस्थ कर दिया है। अब स्थिति का जायजा लेने के लिए शासन ने रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार और असिस्टेंट रजिस्ट्रार से फीडबैक लेने का निर्णय लिया है। शासन ने 11 दिसंबर को होने वाली बैठक को स्थगित कर दिया है। इसके पहले भी एक बार बैठक स्थगित हो चुकी है। तीसरी बार की तिथि अभी निर्धारित नहीं की गई है।
कुलपतियों के निर्देश पर प्रोफेसर और डिप्टी रजिस्ट्रार बने रजिस्ट्रार ऐसे आदेश पारित कर रहे हैं, जो अधिकारी और विद्यार्थियों की परेशानी का कारण बन जाते हैं। इससे विवाद की स्थिति बन रही है। वर्तमान में करीब 98 सहायक कुलसचिव और उप कुलसचिव कार्यरत हैं।
बी भारती और मनोज तिवारी मार्च में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। उनके बाद कमलाकर सिंह, लाल साहब सिंह, आरके चौहान और एचएस त्रिपाठी 2021 तक सेवानिवृत्त हो जाएंगे। वर्तमान में सिर्फ चित्रकूट विवि में राकेश सिंह चौहान, संस्कृत विवि उज्जैन में एलएस सोलंकी रजिस्ट्रार हैं।