BU में सवा दो साल और RGPV में तीन साल से रैक्टर का पद रिक्त
भोपाल
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में रैक्टर में नये रैक्टर की तलाश शुरू की जाएगी। बीयू में सवा दो साल और आरजीपीवी में करीब तीन साल से रैक्टर का पद रिक्त है। दोनों विवि रैक्टर नियुक्त करने प्रोफेसरों के अनुभवों परखेंगे।
विवि में कुलपति के नहीं होने पर रुटीन के फाइलें उनके इंतजार में रुकी रहती हैं और कार्य संचालित हो नहीं हो पाते हैं। इसलिए उक्त दोनों विवि ने रैक्टर की तलाश जारी कर दी है। कुलपति नाम फाइनल कर कार्यपरिषद के सामने रखेंगे। यहां से स्वीकृति मिलने के बाद रैक्टर उम्मीदवार का नाम राजभवन भेजा जाएगा। जहां से स्वीकृति मिलने के बाद रैक्टर की नियुक्ति कर दी जाएगी। आरजीपीवी में आठ डीन नियुक्त हो चुके हैं। वहीं बीयू भी अपनी डीन की सूची राजभवन से फाइनल करा चुका है। एक डीन की नियुक्ति राजभवन भेजी गई है। डीन नियुक्त होने के बाद रैक्टर को कार्यपरिषद के माध्यम से चयनित कर राजभवन भेजा जाएगा। जहां से रैक्टर पर अंतिम मोहर लगेगी।
जनवरी 2017 तक कुलपति पियूष त्रिवेदी के कार्यकाल में मुकेश पांडे रैक्टर रहे हैं। उनकी विदाई से ही रैक्टर का पद रिक्त है। वहीं गत वर्ष बीयू से मुरलीधर तिवारी को धारा 52 लगाकर हटाया था। इससे रैक्टर का पद रिक्त बना हुआ है। कुलपति आरजे राव ने रैक्टर की नियुक्ति नहीं की है।
रैक्टर कुलपति का प्रतिनिधि होता है। जैसे की कुलपति बाहर जाते हैं। रैक्टर के पास स्वत: कुलपति के पावर आ जाते हैं। वे उन्हीं कार्यों पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर पाता है, जितने पावर कुलपति उन्हें देते हैं। इससे कुलपति के अनुपस्थिति में विवि के रुटीन के कार्य प्रभावित नहीं होते हैं। रैक्टर कई स्थानों पर कुलपति की पूर्ति करता है।