तीन तलाक के मामले में पुलिस ने दर्ज किया दहेज उत्पीड़न का केस
राजगढ़
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में राजगढ़ (Rajgarh) जिले के पीपलखेडा गांव में तीन तलाक (Triple Talaq) के बदले पुलिस द्वारा दहेज उत्पीड़न (Dowry harassment) का केस दर्ज करने का मामला सामने आया है. राजगढ़ पुलिस कितनी सजग है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब तीन तलाक के अपराध में पुलिस ने दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कर अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर लिया.
मामला कुरावर थाने के पीपलखेडा गांव की महिला अफरोजा बी से जुड़ा है, जो बीते कई वर्षों से अपने मायके (मां के घर) रह रही है. अफरोजा की शादी वर्ष 2007 में ताजीपुरा निवासी इरफान से हुई थी, जिससे उनके तीन बच्चे भी हैं. बीते 1 मई 2019 को इरफान ने दो गवाह की मौजूदगी में एक लिखित शरीयत के अनुसार तलाकनामा रजिस्टर्ड डाक द्वारा पत्नी अफरोजा बी को भेजा था.
इसी के विरुद्ध अफरोजा बी ने कुरावर पहुंचकर बीते 11 मई को महिला बाल विकास केंद्र (Women Child Development Center) और पुलिस थाने (Police Station) में तीन तलाक का आवेदन दिया था, लेकिन कुरावर पुलिस ने तलेन पुलिस का मामला बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया.
महिला नरसिंहगढ़ एसडीओपी व जिला पुलिस अधीक्षक को भी लगातार 6 महीने से फरियाद करती रही, लेकिन तीन तलाक का मामला होने के कारण केस दर्ज नहीं हो सका. महिला के बार-बार आवेदन देने पर तलेन पुलिस ने बीते 6 नवंबर 19 को दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज किया, लेकिन महिला और उसके परिवार वालों समेत अनके वकील प्रवीण सक्सेना का कहना है कि इस पूरे मामले में पुलिस ने जानबूझकर (Deliberately) तीन तलाक के मामले को दबाने का प्रयास किया है.