आचार्य बालकृष्ण ने किया खुलासा, 62 हजार औषधीय पौधों की लिस्ट बना रही है पतंजलि
नई दिल्ली
आयुर्वेद शब्द की उत्पत्ति संस्कृति से हुई है. यानी यह कई संस्कृतियों के इतिहास से पुराना है. लेकिन इसे बीच-बीच में लोग भूलते रहे. मुगल शासक आए तो यूनानी का प्रभाव बढ़ा. जब अंग्रेज आए तो एलोपैथी का असर बढ़ गया. लेकिन अब फिर लोग आयुर्वेद की तरफ जा रहे हैं. पूरी दुनिया आयुर्वेद को वापस मान रही है. दुनिया कहती है कि भारत के पास यह सबसे बेहतरीन गुण है. आर्युवेद सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणाली हैं. अब इसमें लोगों का विश्वास बढ़ रहा है. ये बातें कोलकाता में आयोजित इंडिया टुडे कॉनक्लेव ईस्ट में आचार्य बालकृष्ण ने कहीं. उन्होंने कहा कि आयुर्वेद ही सभी इलाज पद्धत्तियों की जननी है.
हर दिन आयुर्वेद से 50 हजार लोगों का इलाज करता है पतंजलि
स्वामी रामदेव ने योग को पूरी दुनिया में फैलाया. पतंजलि ने दुनियाभर के लोगों का इलाज किया. आज भी हम अपने अस्पतालों में हर दिन 50 हजार से ज्यादा लोगों का इलाज करते हैं. पतंजलि के पूरे देश में 1500 अस्पताल हैं. जहां पूरी दुनिया के करीब 80 देशों से आकर लोग इलाज कराते हैं. स्वामी रामदेव के योग और पतंजलि के आयुर्वेद का मिश्रण लोगों को सेहत दे रहा है.
सिर्फ पतंजलि ने खोजे हैं 62 हजार मेडिशिनल प्लांट्स
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि जब हम आयुर्वेद में रिसर्च की बात करते हैं. तो पता चलता है कि भारत और पूरी दुनिया में जो रिसर्च आयुर्वेद में होना चाहिए था वो नहीं हो रहा है. दुनियाभर में 3.60 लाख प्रजातियों के पौधे है. लेकिन किसी ने कभी यह पता नहीं किया इसमें कितने मेडिशिनल पौधे हैं. यह काम पतंजलि ने शुरू किया है. पतंजलि ने इकलौती चेकलिस्ट बनाई है जो यह बताती है कि देश और दुनिया में करीब 62 हजार मेडिशिनल प्लाट्ंस हैं. इन पौधों पर अभी रिसर्च बाकी है. कुछ पर चल रही है.