सारकेगुड़ा के दोषियों पर कार्रवाई की मांग
रायपुर
गोंडवाना महासभा ने बीजापुर के सारकेगुड़ा में नक्सल मुठभेड़ में 17 आदिवासियों की मौत के मामले में न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट पर कार्रवाई की मांग की है। इस सिलसिले में पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने सारकेगुड़ा के आदिवासियों के पीड़ित परिवारों को 50 लाख रुपये मुआवजा तथा शासकीय नौकरी देने की मांग की। साथ ही साथ सारकेगुड़ा जैसी घटनाओं की जांच और निगरानी के लिए हाईकोर्ट जज की अध्यक्षता में स्थाई आयोग के गठन की भी मांग की है।
श्री नेताम और पूर्व सांसद सोहन पोटाई ने बताया कि सारकेगुड़ा, थाना-बासागुड़ा जिला बीजापुर बस्तर में सीआरपीएफ और पुलिस बल ने 28 एवं 29 जून 2012 के मध्यरात्रि को 7 नाबालिग सहित 17 निर्दोष आदिवासियों को मार डाला और 10 लोगों को घायल कर दिया, जबकि ग्रामवासी अगले दिन बीज पंडूम (बीज त्यौहार) के तैयारी बैठक के विचार-विमर्श के लिए रात में खुले मैदान में बैठक कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि इस वक्त बिना किसी चेतावनी दिए सीआरपीएफ और पुलिस बल द्वारा फायरिंग की गई और फायरिंग के बाद रायफल के बाद कुंडों और जूतों से शेष ग्रामवासियों को बेरहमी से पीटा गया। 29 जून सुबह एक घर में घुसकर इरपा रमेश को मार डाला गया। इसी तरह पिछले माह नवंबर 2019 में ग्राम मुनगा से हिड़मा लखमा को खेत से पकडक? उसे गोली मार दी गई।