इंडियन प्रोस्थेंटिक्स सोसायटी द्वारा आयोजित नेशनल कॉन्फ्रेंस
रायपुर
इंडियन प्रोस्थेंटिक्स सोसायटी पहली बार राजधानी में साईंटिफिक नेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया,इस सेमीनार में देश विदेश से आये अपने-अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ डाक्टरों के सैंकड़ों व्याख्यान हुए,साथ ही अनेक शोध पत्र भी पढ़े गए। इंडियन प्रोस्थेंटिक्स सोसायटी द्वारा आयोजित की जाने वाली यह 47वीं नेशनल कान्फे्रंस थी जो अपनी उत्कृष्टता की अमिट छाप छोड़ गई। 48वीं साईंटिफिक नेशनल कॉन्फ्रेंस अगले वर्ष नागपुर में आयोजित होगी। आमंत्रित अतिथियों और इंडियन प्रोस्थेंटिक्स सोसायटी के अध्यक्ष व सचिव ने आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ नीरज चंद्राकर व सचिव डॉ. दीपेश गुप्ता की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
पहली बार छत्तीसढ़ में आयोजित इस साईंटिफिक नेशनल कॉन्फ्रेंस में डेंटल क्षेत्र के देश विदेश के नामचीन डॉक्टरों ने अपना व्याख्यान दिया जिनमें अमेरिका के जैफ्री ओकेशन, डॉ. अरूण कुमार शर्मा, दक्षिण अफ्रीका के डॉ. पीटर ओवन, स्कॉटलैंड के डॉ. फ्रीजर वॉकर, जापान के प्रोफेसर बाबा, कोशी काबा, प्रोफेसर टिकाशी, पदमश्री प्राप्त डॉ. महेश वर्मा, डॉ. पटनायक, डॉ. पदमनाभम, डॉ. विकास गौड़ सहित 78 से अधिक डॉक्टरों और प्रोफेसरों ने डेंटल इनप्लांट, कृत्रिम अंग, दांत बनाने की अत्याधुनिक पद्धति, अंतर विभागीय सामंजस्यता, प्लास्टिक सर्जरी, रेडियोलॉजी जैसे अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर व्याख्यान दिए।
डॉ. नीरज चंद्रकार व डॉ. दीपेश गुप्ता ने बताया कि इस नेशनल कान्फेंस की विशेषता यह रही कि दीनदयाल आॅडिटोरिम में बने 6 हॉल के अतिरिक्त 10 अन्य डोम तैयार किए गए जिनमें निरंतर व्याख्यान और राउंड टेबल पर विशेषज्ञों की आपस में विभिन्न विषयों पर चर्चा होते रही। चार दिवसीय इस साईंटिफिक नेशनल कॉन्फ्रेंस में जितने शोध पत्र और उनका जीवंत प्रसारण प्रोजेक्टर पर दिखाया गया वह अपने आप में एक उपलब्धि बन गया। इतना ही नहीं कान्फे्रंस प्रारंभ होने से पूर्व शासकीय दंत महाविद्यालय में 10 हॉल में छात्रों और जूनियर डॉक्टरों के लिये भी इसका विशेष रूप से आयोजन किया जिससे छात्र व डॉक्टर लाभान्वित हुए। इस कान्फे्रंस में पूरे देश भर के दंत छात्रों के अलावा डॉक्टरों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।