आखिर निगम ने किया तिवारी को सस्पेंड:चिरमिरी मण्डल संयोजक चमेली पांडेय की शिकायत पर हुई कार्यवाही
जोगी एक्सप्रेस
धरमजीत सिंह
चिरमिरी – शहर के नगर निगम कार्यालय में लगभग तीन दसकों से पूर्व जल प्रभारी के तौर पर पदस्थ चन्द्रिका तिवारी को निगम के प्रभारी आयुक्त डीके शर्मा ने जारी किये नोटिस की अवधि की समाप्ति के दूसरे दिन बुधवार को जल प्रभारी पर कार्यवाई करते हुए सस्पेंड कर निगम कार्यालय से बाहर का रास्ता दिखाया गया हलाकि की न्यायिक प्रक्रिया एवं निगम अधिनियम के तहत ऐसे कर्मचारियों को तत्काल बर्खाश्त करने का आदेश है लेकिन उनके कार्य एवं व्यवहार को देखते हुए सस्पेंड करते हुए परश्रेय दिया गया है गौरतलब है की बीते शनिवार को प्रार्थी की शिकायत पर वर्तमान प्रभारी आयुक्त द्वारा कारण बताओ नोटिस की तामीली करते हुए तीन दिवस का अल्टीमेटम दिया था और तीन दिवस के भीतर उन पर लगे गंभीर आरोप में जवाब देने की बात कही थी । जिस पर निगम के जल प्रभारी चन्द्रिका तिवारी ने नोटिस की तामीली के एक घण्टे के अंदर ही जवाब देते हुए मामले की जानकारी दी थी । लेकिन जवाब से संतुष्ट नहीं होने और न्यायालय के आदेशो को सर्व मान्य रखते हुए इस बड़ी कार्यवाई को अंजाम दिया गया । जिसकी खबर लगते ही नगर निगम कार्यालय सहित संपूर्ण शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है कि उक्त प्रभारी पर कई शिकायतों के बाद पहली बार कार्यवाई को अंजाम दिया गया है ।
ज्ञात हो कि बीते दिवस 7 सितम्बर को भाजपा महिला मोर्चा की बेटी बचाव बेटी पढ़ाओ प्रकोष्ठ की चिरमिरी मण्डल संयोजक चमेली पांडेय ने नगर पालिक निगम चिरमिरी जल प्रभारी चन्द्रिका तिवारी के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें तत्काल सेवा से मुक्त करने व सेवाकाल के दौरान बनाई गई संपत्ति आदि को जप्त करने के लिए निगम आयुक्त को पत्र लिखा है साथ ही श्रीमती पांडेय ने चेताया भी था की अगर कार्यवाही नही की गई तो वह उच्य न्यायलय बिलासपुर जाने को बाध्य होंगी. और पुरे मामले की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया था की वर्तमान जल प्रभारी के विरुद्ध वर्ष 2002 में पोड़ी थाना में अपराध क्रमांक 47/2002 भा द वी की धारा 29, 506, 323 का अपराध दर्ज किया गया था जिस पर माननीय जिला बैकुण्ठपुर न्यायालय द्वारा धारा 323 के अपराध पर 500 रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया गया था । अपराध पर अर्थ दंड पटाने के वावजुद चन्द्रिका तिवारी को निगम कार्यालय द्वारा पिछले कई वर्षों से लगातार पदोंन्नति देते हुए लाभ के पदों पर पदस्थ किया जा रहा है जो वैध नहीं है । श्रीमती पांडेय ने यह भी आरोप लगाया था कि यह सेवा शर्तो का उलंघन है, जिससे अनुशासन भंग हो रहा है व निगम के हितों की हानि हो रही है जिसको देखते हुए उन्हें उनके पद से तत्काल मुक्त कर उनके पुरे सेवाकाल में खर्च की गई राशि एवं इन बीते वर्षो में उनके द्वारा बनाई गई सम्पति की जाँच कर सम्पति को जप्त कर इनके विरुद्ध न्यायसम्मत कार्यवाही की जाए अन्यथा मुझे मजबूरन मामले को लेकर उच्च न्यायालय बिलासपुर जाने को बाध्य होना पडेगा ।
डी.के शर्मा प्रभारी आयुक्त नगर निगम चिरमिरी – प्रार्थी की शिकायत पर जल प्रभारी को नोटिस की तामीली की गई है और तीन दिवस का अल्टीमेटम दिया गया हलाकि की नोटिस के आधार पर उनके द्वारा अपना जवाब दिया गया है लेकिन न्यायालय के आदेश और निगम अधिनियम पर इसे दरकिनार नहीं किया जा सकता ऐसे गंभीर आरोपो को छुपा कर रखना भी अपराध की श्रेणी में आता है इस कारण उन्हें सस्पेंड किया गया है हलाकि न्यायिक तौर पर बर्खास्त करने का आदेश है लेकिन उनके कार्य अवधि पर उन्हें व्यवहार पर परश्रेय देते हुए सस्पेंड की कार्यवाई को अंजाम दिया गया है मामले में आगे की कार्यवाई के लिए एक टीम का गठन करते हुए हर बिंदु पर जाँच की जाएगी गई उनके बाद आगे की कार्यवाई की जाएगी ।। आरोप में जवाब देने की बात कही है दिए समय पर जवाब नहीं देने पर निगम अपने स्वेक्षा से शिकायत को सही मानते हुए कार्यवाई को बाध्य होगा . की बात कही गई थी जिसपर निगम के जल प्रभारी द्वारा नोटिस की तामीली के एक घण्टे के अंदर ही जवाब देते हुए मामले की जानकारी दी गई थी जिसपर जवाब पर संतुष्ठ नहीं होने और न्यायालय के आदेशो को सर्व मान्य रखते हुए इस बड़ी कार्यवाई को अंजाम दिया गया है जिसकी खबर लगते ही नगर निगम कार्यालय सहित संपूर्ण शहर में चरचा का विषय बना हुआ है की उक्त प्रभारी पर कई शिकायतों के बाद पहली बार कार्यवाई को अंजाम दिया गया है . उल्लेखनीय है की बीते दिवस 7 सितम्बर 17 को भाजपा की बेटी बचाव बेटी पढ़ाओ प्रकोष्ठ की चिरमिरी मण्डल संयोजक चमेली पांडेय ने नगर पालिक निगम चिरमिरी जल प्रभारी चन्द्रिका तिवारी के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें तत्काल सेवा से मुक्त करने व सेवाकाल के दौरान बनाई गई संपत्ति आदि को जप्त करने के लिए निगम आयुक्त को पत्र लिखा है साथ ही श्रीमती पांडेय ने चेताया भी था की अगर कार्यवाही नही की गई तो वह उच्य न्यायलय बिलासपुर जाने को बाध्य होंगी. और पुरे मामले की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया था की वर्तमान जल प्रभारी के विरुद्ध वर्ष 2002 में पोड़ी थाना में अपराध क्रमांक 47/2002 भा द वी की धारा 29, 506, 323 का अपराध दर्ज किया गया था जिस पर माननीय जिला बैकुण्ठपुर न्यायालय द्वारा धारा 323 के अपराध पर 500 रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया गया था । अपराध पर अर्थ दंड के वावजुद चन्द्रिका तिवारी को निगम कार्यालय द्वारा पिछले कई वर्षों से लगातार पदोंन्नति देते हुए लाभ के पदों पर पदस्थ किया जा रहा है जो वैध्य नहीं है । श्रीमती पांडेय ने यह भी आरोप लगाया था कि यह सेवा शर्तो का उलंघन है, जिससे अनुशासन भंग हो रहा है व निगम के हितों की हानि हो रही है जिसको देखते हुए उन्हें उनके पद से तत्काल मुक्त कर उनके पुरे सेवाकाल में खर्च की गई राशि एवं इन बीते वर्षो में उनके द्वारा बनाई गई सम्पति की जाँच कर सम्पति को जप्त कर इनके विरुद्ध न्याय सम्मत कार्यवाही की जाये ।
इनका कहना है …….
ऐसे गंभीर आरोपो को छुपा कर रखना भी अपराध की श्रेणी में आता है इस कारण उन्हें सस्पेंड किया गया है हलाकि न्यायिक तौर पर बर्खास्त करने का आदेश है लेकिन उनके कार्य अवधि पर उन्हें व्यवहार पर परश्रेय देते हुए सस्पेंड की कार्यवाई को अंजाम दिया गया है मामले में आगे की कार्यवाई के लिए एक टीम का गठन करते हुए हर बिंदु पर जाँच की जाएगी गई उनके बाद आगे की कार्यवाई की जाएगी ।।
डी.के. शर्मा प्रभारी आयुक्त नगर निगम चिरमिरी