आम लोगों के इस्तेमाल को आई थीं कुर्सियां, पूर्व विधायक ने निजी स्कूल में लगवाई, होगी जांच
धार
जिले के पूर्व विधायक कालू सिंह ठाकुर (Former MLA Kalu Singh Thakur) का नाम विधायक निधि (Legislator fund) का बेजा इस्तेमाल करने वालों में सामने आया है. आरोप है कि धार के धरमपुरी से पूर्व विधायक ने विधायक निधि के पैसे से आम लोगों के लिए 7 यात्री प्रतीक्षा कुर्सियां (प्रतीक्षालय) अपने निजी स्कूल में लगवा लिए. न्यूज 18 ने जब इस खबर की तरफ प्रशासन (Administration) का ध्यान दिलाया, तो आनन-फानन में 7 में से 4 यात्री-शेड को स्कूल से हटा लिया गया. साथ ही प्रशासन ने पूर्व विधायक के स्कूल में ये कुर्सियां कैसे लगाई गई, इसकी जांच करने का भी आश्वासन दिया है. प्रशासन की जांच की बात सामने आने के बाद पूर्व विधायक नाराज होकर कलेक्ट्रेट (Dhar Collectorate) के सामने धरने पर बैठ गए.
पूर्व विधायक कालू सिंह ठाकुर ने अपने कार्यकाल के दौरान 1.12 करोड़ रुपए से अधिक की राशि से यात्री प्रतीक्षालय (आराम करने वाली कुर्सियां) बनवाए थे. इन्हें धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में लगाया जाना था. लेकिन विधायक ने इनमें से 7 कुर्सियां अपने मांडव पब्लिक स्कूल परिसर और इसके आसपास ही लगवा लिए. विधायक निधि में गड़बड़ी की इस खबर की तरफ जब न्यूज 18 ने प्रशासन का ध्यान दिलाया, तो अफसरों ने आनन-फानन में 7 में से 4 प्रतीक्षालय स्कूल से हटवा लिए. साथ ही पूरे मामले की जांच का भी आदेश दे दिया गया. प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ पूर्व विधायक कलेक्ट्रेट के सामने रविवार को धरने पर बैठ गए.
पूर्व विधायक ने प्रशासन की कार्रवाई को अपने खिलाफ साजिश बताया है. रविवार को कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे कालू सिंह ठाकुर ने कहा कि यात्री प्रतीक्षालय बनने के बाद उन्होंने इसे लगवाने की अनुशंसा की थी. प्रशासन और ठेकेदार ने ये प्रतीक्षालय उनके स्कूल के पास लगवा दिए. इसलिए कार्रवाई उन पर होनी चाहिए. पूर्व विधायक ने कहा कि अगर 3 दिनों के भीतर उनकी मांगें नहीं मानी गई और कार्रवाई न हुई तो वे इच्छामृत्यु की गुहार लगाएंगे, क्योंकि प्रशासन द्वारा कुर्सियां हटाने से उनकी छवि खराब हो रही है. बहरहाल, धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के लिए 1.12 करोड़ की लागत से कुल 111 यात्री प्रतीक्षालय बनवाए गए हैं. इनमें से 7 प्रतीक्षालयों के लगाए जाने में गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद अन्य आवंटनों की भी जांच होने की उम्मीद है. इससे विधायक निधि के बेजा इस्तेमाल करने का राज खुल सकता है.