November 24, 2024

BPCL में हिस्सा बेचने से सरकार को मिल सकती है 60 हजार करोड़ की मोटी रकम

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नई दिल्ली
    भारत पेट्रोलियम और एअर इंडिया को बेचने की कवायद तेजभारत पेट्रोलियम की बिक्री से मिल सकते हैं 60 हजार करोड़वित्त मंत्री ने मार्च 2020 तक प्रक्रिया पूरी करने के दिए संकेत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संकेत दिए हैं कि सरकारी कंपनियों एअर इंडिया और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPCL) का विनिवेश जल्दी ही किया जाएगा. एअर इंडिया की हालत खस्ता है इसलिए उससे तो सरकार को खास फायदा नहीं होगा, लेकिन मुनाफे में चल रही भारत पेट्रोलियम का हिस्सा बेचने से सरकार को करीब 60,000 करोड़ रुपये की मोटी रकम मिल सकती है.

कब तक हो सकती है बिक्री

वित्त मंत्री ने शनिवार को कहा कि दोनों कंपनियों का विनिवेश मार्च 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा. गौरतलब है कि सरकार ने इस वित्त वर्ष में विनिवेश से 1.05 लाख करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य रखा है. तो बीपीसीएल की बिक्री से उसे अकेले इस लक्ष्य का करीब 60 फीसदी हिस्सा हासिल हो जाएगा.

कितनी है सरकार की हिस्सेदारी

BPCL में सरकार की 53.29 फीसदी हिस्सेदारी है और इस कंपनी का बाजार पूंजीकरण 1 लाख करोड़ रुपये से ऊपर है. सरकार अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेगी और मौजूदा बाजार पूंजीकरण के हिसाब से उसे करीब 60 हजार करोड़ रुपये मिल सकते हैं.

दूसरी तरफ, एअर इंडिया की हालत खस्ता है और उसके खरीदार नहीं मिल रहे. इसमें सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी है और सरकार किसी तरह इसका खरीदार हासिल कर इसमें अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचना चाहती है. सरकार ने पिछले साल भी एअर इंडिया की हिस्सेदारी बेचने की कोशिश की थी, लेकिन खरीदार न मिल पाने की वजह से इसे टालना पड़ा था. एअर इंडिया पर करीब 58,000 करोड़ रुपये का कर्ज है.

इसके अलावा शिपिंग कॉर्प ऑफ इंडिया (SCI), टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड और नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्र‍िक पावर कॉर्प लिमिटेड में भी सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है. कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में 30 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना है.

BPCL को हुए था 7,132 करोड़ रुपये का मुनाफा

गत 30 सितंबर को विनिवेश पर गठित सचिवों की एक कोर टीम ने भारत पेट्रोलियम की हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दी थी. बीपीसीएल मुनाफे में चलने वाली कंपनी है, इसलिए सऊदी अरामको, रोसनेफ्ट, कुवैत पेट्रोलियम, एक्सनमोबिल, शेल, टोटल एसए और अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी जैसी दिग्गज अंतरराष्ट्रीय कंपनियां इसकी हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोली लगा सकती हैं. वित्त वर्ष 2018-19 में बीपीसीएल को 7,132 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था.

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