गंदगी और जाम के बीच कसमसाता धनपुरी का मुख्य चौराहा:बेसुध पड़ी नगर पालिका
जोगी एक्सप्रेस
जमिलुर्रह्मान
धनपुरी। नगर के बाजार में कोई सामान लेने से पहले गड़ी खड़ी करने की जगह तलाश करनी पड़ती है। इसमें कुछ तो रोड पर ही खड़ी कर देते है। अपनी खास पहचान रखने वाला ये चौक आज अनेक तरह की समस्याओं से जूझ रहा है। सड़क तो ठीक हैं ही नहीं कहीं उंचा तो कही नीचा होने के कारण बड़ी समस्या बनी रहती है। अतिक्रमण होने से लोगों की मुसीबत और बढ़ी हुई है, अब आलम यह है कि सड़क के दोनों किनारों पर दुकानें लग जाती है जिसके चलते बाजार में निकलना मुश्किल हो जाता है, सड़क के किनारे पार्किंग में तब्दील हो जाता हैं। इन फुटपाथ में लगी दुकानों व खडे वाहन के कारण इस मार्ग से आने-.जाने वाले लोगों को जाम से जूझना पड़ता है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि लोग सड़क किनारे वाहन पार्क कर रहे हैं एवं फुटपाथ पर दुकान लगा रहे है, इस वजह से इमामबाड़ा से बैंक आफ बड़ौदा तक जाम लग जाता है। ऐसे में शायद ही कोई ऐसा दिन हो जब स्थानीय लोग इस समस्या न जुझते हों, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। एक ओर तो नगर पालिका लोगो को जागरूकता कार्यक्रम चलाती रहती है वही दूसरी ओर समस्या को लेकर आम जनता पचा नहीं पा रही है। लोग सोशल मीडिया पर भी जमकर पोस्ट करते रहते हैं। यहां के स्थानीय निवासियों की माने तो जनता की समस्यों के समाधान पर इतनी अनदेखी प्रशासन क्यू कर रहा ये समझ से परे है !वही समस्या तब और गंभीर हो जाती है जब साप्ताहिक बाज़ार के दिन आस पास के ग्रमीण रोड पर ही सब्जी की दूकान लगा लेते है ,नगर पालिका को बाज़ार बैठकी से मतलब ,लोगो को हो रही असुविधा की तरफ किसी का ध्यान नहीं ,वही यह समस्या कोई नई नहीं है ,कितने ही अध्यक्ष आये और गए परंतु किसी ने भी इस समस्या का हल नहीं खोजा ,रही सही कसर अब नगर पालिका निकाळ रही ,इस सम्बन्ध में स्थानीय नेताओ से ले कर आम नागरिको ने कई पत्र लिख डाले पर नगर पालिका को टैक्स और वसूली से फुर्सत कहा जो जनता को रही समस्याओ की तरफ देखे , न तो साप्ताहिक बाज़ार में आने वाले गरीब दुकानदारों को जगह ही मुहय्या कराई गई , न ही समस्या का कोई ठोस हल निकला ,अब इस पर नगर पालिका प्रशासन कोई एक्शन ले या न ले जनता एक्शन के लिए कमर कस रही है !
अव्यावस्थाओं से भरा चौक आखिर जिम्मेदार कौन ?
नगरपालिका को अपना खजाना भरने के आगे, नगर की व्यावस्था नजर नहीं आती है। आजाद चौक पर छोटी छोटी दुकानें फुटपाथ में लगी रहती है, ग्रामीणों से आए, व्यापारी अपनी सब्जी की दुकानें लगाते है। इन्ही दुकानों के माध्यम से उनका जीवन यापन चलता है, जहां नगरपालिका के कर्मचारी प्रतिदिन उनसे बैठकी वसूलते है वही बैठकी देने के बाद भी सुविधा से दुकानदार वंचित रहते हैं। नगर प्रशासन की लचर व्यवस्था के कारण ही फुटपाथ के व्यापारी रोड के बगल से अपनी दुकाने लगा लेते है। यह दुकान नगर के मुख्य चौराहा स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा से लेकर इमामबाड़ा तक रोड के दोनों ओर लगी रहती है। जबकि हृदय स्थल कहलाने वाला नगर का मुख्य चौक है। जहां से प्रतिदिन पैदल,दो पहीया,चार पहीया, ट्रक, बस का आवागमन बना रहता है और लगे दुकानों के कारण आयेदिन जाम लगता रहता है जिससे वाहनों का निकलना दुभर हो जाता है। इसके साथ ही नगर में घटना दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है। जबकि कई बार घटनाएं भी घटित हो चुकी हैं, लेकिन नगर प्रशासन का ध्यान इस ओर कभी भी नहीं होता है जिससे चौक चौराहे की व्यवस्था सुचारु रुप से हो सके, इन्ही कारणें की वजह से लोग अब धनपुरी बाजार आने से कतराने लगे हैं। जिसे समय रहते ही व्यवस्थित करने के लिए नगर प्रशासन को पहल करनी चहिये जिससे नगर का व्यापार बढ़ सके।
नहीं है मूत्रालय
धनपुरी नगर के अंदर न तो सार्वजनिक शौचालय है,और जो है वो गंदगी से पटा रहता है ,दिखाने के लिए ऊपर पानी की टंकी लगी हुई है पर पानी उस टंकी में कभी होता नहीं,बदबूदार और गंदगी से पटा मूत्रालय जहां जाते ही उलटी हो जाये उस जगह पर कोई केसे फ्रेश हो सकता है ??? , सार्वजनिक मूत्रालय सोचने की बात है सुबह से हाट बाज़ार के लिए आये गाव के छोटे व्यपारियो को स्वच्छता से क्या लेना देना जहा सुन सपाटा या आड़ दिखी हलके हो कर चलते बने ,शाम होते ही सब अपने अपने घरो के लिए निकलने से पहले सड़ी गली सब्ज़िय मूली गोभी के पत्ते नगर के मुख्य चौराहों पर ही सड़ने के लिए छोड़ जाते है ,जिस से बदबू सारी रात नगर में फैली रहती है ,एक पुरानी कहावत है अंधे के आगे रोना और अपने दीदा खोना धनपुरी नगर पालिका पर सटीक बैठती है ,