November 22, 2024

बर्मा में हो रहे अत्याचार पर आज इंसानियत क्यों खामोश है ?आफाक

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जोगी एक्सप्रेस 

लखनऊ | भारत में जिस तरह से लोग ‘हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में सब भाई भाई’ जैसे नारे लगाकर आपसी भाईचारा व एकता की मिसाल दिखाकर इंसानियत का पैगाम देते हैं इसकी हकीकत देखने को जब मिलती है कि दुनिया के किसी एक मुल्क में जब इंसानों का कत्लेआम हों और तमाम मजहब के इंसान और इंसानियत खामोश हो.. वर्तमान में म्यांमार (बर्मा) में एक बहुत बड़ी इंसानियत को खत्म करना, लोगों को ज़िन्दा जलाकर जान से मारना, गर्दन और हाथ पैर काटकर उनके बदन से अलग कर देना, बच्चों की गर्दन और पेट पर पैर रखकर उनको जान से मारना, हर प्रकार अलग अलग तरह से तड़पा तड़पाकर लोगों को जान से मारना, यहां तक कि इंसानियत को पूरी तरह शर्मसार किया जा रहा और दहशत गर्द दहशत फैलाकर बेगुनाह हजारों इंसानो को जान से मार रहें हैं ऐसे में भारत में रहने वाले सभी धर्म के लोग ऐसा खौफनाक मंजर देखकर चुप हैं ?  सिर्फ मुस्लिम वर्ग के लोग ही आवाज उठा रहें कि ये गलत हो रहा है उसके अलावा सभी धर्म के लोग खामोश हैं, कोई टिप्पड़ी नही दे रहा है कोई ये नही कह रहा है कि ये गलत हो रहा है इन सब के अलावा भारत के न्यूज़ चैनल भी इन खबरों को प्रमुखता से नही दिखा रहें हैं इतने बड़े मामले की कोई डिबेट भी नही हो रही है, सिर्फ मुस्लिम इसकी मुखालफत इसलिए नही कर रहें है कि बर्मा में मरने वाले मुस्लिमों की संख्या ज्यादा है बल्कि विरोध इसलिए है कि एक बहुत बड़ी इंसानियत को बेरहमी और बेदर्दी से मारा जा रहा है जब कभी भी इंसानियत को बेरहमी से मारा गया तब मुस्लिमों ने इसका विरोध जरूर किया हैं चाहे भारत में आतंकी हमलों से बेगुनाह की जान गई हो, या इंग्लैंड में आतंकी हमला हो,रसिया के सेंट पीटर्सबर्ग में, बेल्जियम में, फ्रांस में, बांग्लादेश या फिर अन्य देश में आतंकी हमला हुआ है तो मुस्लिम भाई बहनों व मुस्लिम तंजीमों ने इन हमलों की सख्त अल्फाज से निंदा की है,  इसलिए कि कुरआन में अल्लाह ने फरमाया कि ‘किसी एक इंसान की जान लेना ऐसा है जैसे पूरी इंसानियत का कत्ल करना हो’ ऐसे में दुनिया में जब कहीं भी किसी इंसान का क़त्ल किया जाता है तो हर इंसान का मन आहत होना चाहिए और सोचना चाहिए कि दुनिया किस तरफ जा रही है खुदा ने इंसान को सबसे ज्यादा अक्लमंद और सबसे ज्यादा मोहब्बत करने वाला बनाया है और आज एक इंसान ने दूसरे इंसान को ही अपना दुश्मन बना लिया है अगर यही सब चलता रहा तो वो दिन दूर नही जब धरती पर इंसान नाम का जीव आपस में लड़कर समाप्ति के कगार पर पंहुच जाएगा |
काश ! कि दुनिया में जब कंही, किसी भी धर्म के इंसानों के साथ अगर अत्याचार हो रहा हो, तो हर मुल्क और सभी धर्म के इंसान उस अत्याचार के खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ उठाते |

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