करोड़ों का वारा न्यारा करने वाले चिट फंड कंपनी के 4 शातिरों पर चिरमिरी पुलिस की गिरी गाज
चिटफंड कंपनी खोल करोड़ों का निवेश करा हो लिए थे चंपत
कोरिया एक कहावत है चोर चोरी छोड़ सकता है पर हेराफेरी नही।कुछ इसी अंदाज में चिटफंड कंपनी के नाम से इन शातिरों ने काले हीरे की नगरी को अपना आशियाना बना कर श्रमवीरो को मीठी मीठी बाते कर उनकी गाढ़ी मेहनत की कमाई को एक ही झटके में लेकर चंपत हो गए थे। और बिलासपुर को शिकार गाह के रूप में चुन कर वहाँ भी चिट फंड कंपनी खोल कर लोगो को लूट रहे थे, तभी चिरमिरी पुलिस ने इन शतीरों के अरमान पर पानी फेरते हुए सलाखों के पीछे ले आई , अब चिरमिरी पुलिस इन से विस्तार से पूछताछ कर रही है।वही साल भर पहले चिरमिरी में चिटफ़ंड कंपनी खोल कर श्रमिकों से उच्च दर पर रिटर्न का लालच दिखा आठ करोड़ की ठगी कर फ़रार हुए चार आरोपियों को पुलिस ने पकड़ लिया है… निवेशकों की रक़म से आरोपियों ने महँगी लक्ज़री गाड़ियाँ ख़रीदी थी और नए शहर नए नाम से चिटफ़ंड कंपनी खोल ठगी कर रहे थे.. चिरमिरी में ग्रीन इंडिया कंपनी के नाम से आठ करोड़ की ठगी करने के बाद रातों रात फ़रार हुए आरोपियों ने बिलासपुर को अपना ठिहा बनाया और वहाँ सुपरटेक के नाम से नई चिटफ़ंड कंपनी खोल दूकान शुरु कर दिया.
पुलिस ने इस मामले में आरोपियों को पकड़ा है अब निवेश की रक़म कितनी लौटती है या नही लौटती ग़रीबों के पैसे की वापसी होगी या नही यह सवाल फ़िलहाल अनसूलझा है पर राहत इस बात पर लोगों को हो सकती है ठग पकड़े तो गए ना सही पैसा पर मुकम्मल सज़ा जरुर हो..