November 23, 2024

09 अगस्त को होगें चुनाव 12 को मतगणना* *शहडोल, बुढ़ार व जयसिंहनगर में लगी आचार संहिता

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जोगी एक्सप्रेस

*शहडोल।* जिले की  शहडोल नगरपालिका, नगर परिषद् बुढ़ार व जयसिंहनगर नगर परिषद्  के चुनाव 09 अगस्त को होगें। नगरपालिका चुनाव के लिये 25 जुलाई को नामांकन पत्रों की जॉच होगी। और 27 जुलाई तक नाम वापसी होगी। 17 जुलाई से नामांकन भरने का सिलसिला प्रारभ हो गया है। 09 की अगस्त की सुबह 7 बजे से 05 बजे तक मतदान होगा व आगामी 12 अगस्त को मतगणना की जायेगी। जिला प्रशासन ने काफी हद तक अपने काम पहले से ही निपटा लिये हैं।  शहडोल जिले की कुल एक नगरपालिका व दो नगर परिषद् बुढ़ार एवं जयसिंहनगर में चुनाव होने हैं। धनपुरी नगरीय निकाय चुनाव में वार्डो के परिसीमन को लेकर लगे स्टे के कारण चुनाव बाद में सम्पन्न होगें। वहीं खांड़ व ब्यौहारी में चुनाव 2018 में होना संभावित है।

ये है नगरपालिका शहडोल की स्थिति

34 वार्ड की शहडोल नगरपालिका में भारतीय जनता पार्टी के 20, कॉग्रेस के 09 व निर्दलीय 05 पार्षद हैं। नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश जगवानी भारतीय जनता पार्टी से चुनाव जीतकर आये थे। कॉग्रेस के लक्ष्मण गुप्ता को दूसरा स्थान व निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश दीक्षित एड. को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ था। इस बार नगरपालिका शहडोल का अध्यक्ष सीट सामान्य महिला के लिये आरक्षित है। शहडोल में उपाध्यक्ष सीट पर भाजपा के प्रवीण शर्मा लगातार तीसरी बार विजयी हुए थे।

*ये है दावेदार*

भारतीय जनता पार्टी से जिन महिलाओं का नाम अध्यक्ष पद सीट के लिए आ रहा है उसमें वर्तमान पार्षद व भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष रह चुकी उर्मिला कटारे, पूर्व नपाध्यक्ष सत्यभामा गुप्ता, पूर्व महिला आयोग की सदस्य अमिता चपरा, भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष शैल अवस्थी, निवर्तमान उपाध्यक्ष प्रवीण शर्मा की पत्नी, पूर्व जिला अध्यक्ष अनुपम अवस्थी की पत्नी, बुढ़ार नगर पंचायत की निवर्तमान अध्यक्ष शालिनी सरावगी भी अध्यक्ष पद के दावेंदारी कर रही है।

*बागी भी मांग रही टिकट*

वर्ष 2005 में सम्पन्न हुए नगरीय निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से टिकट न मिलने पर बागी होकर निर्दलीय चुनाव लडऩे वाली श्रीमती सोनल भागदेव भी भाजपा से टिकट मांग रही है। वहीं मायके क्षेत्र से विधानसभा टिकट मांग चुकी एक नेत्री अब अपने ससुराल क्षेत्र से अध्यक्ष पद की टिकट मांग रही है। पूर्व मुख्यमंत्री की चहेती इस नेत्री पर भाजपा संगठन कितना भरोसा कर पाता है यह तो अध्यक्ष पद के लिए टिकट फाइनल होने पर ही पता चल पायेगा।

*नगर परिषद् बुढ़ार में बढ़ी सरगर्मी*

17 जुलाई को जहां नामांकन भरने का सिलसिला प्रारंभ हो चुका है लेकिन 17 जुलाई के पूर्व तक न ही भाजपा के अध्यक्ष पद का टिकट व न ही कांग्रेस पार्टी से अध्यक्ष पद का दावेदार कौन होगा। इसका निर्णय हो पाया है। सत्ता पक्ष से ऐसे दावेदारों का नाम अध्यक्ष पद सीट के लिए आ रहा है जिनमें कोई अपने बाड़े में फड़ संचालित कर रहे है तो कोई चूना भट्टे में चौपड़ खिला रहे है। पूर्व पार्षद रह चुके एक दावेंदार ने चुनाव के पूर्व इतने सामाजिक कार्यो में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया जितना उन्होने पाँच साल में नहीं किया होगा। वहीं सुनारी का धंधा करने वाले एक नेता जी भी टिकट की दावेदारी कर रहे है। कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए नेता जी पर संगठन कितना भरोसा करती है। यह तो नामांकन भरने की अंतिम तारीख के पूर्व ही पता चल पायेगा। कोयले के धंधे में काले हाथ करने वाले एक नेता जी भी जोर अजमाइश कर रहे है जोकि मंडल स्तर पर अपनी राजनीति भी चमका चुके है। वहीं कांग्रेस से लगातार चार बार वार्ड का प्रतिनिधित्व करने वाले रतन सोनी का नाम सबसे आगे है। इस्तियाक खान भी कांग्रेस से टिकट तो मांग रहे है लेकिन उनकी दल बदलू छवि के कारण क्या कांग्रेस उन पर भरोसा कर पायेगी? कांग्रेस से नरेश कुशवाहा भी अध्यक्ष पद के लिए टिकट के दावेदारी पेश किये है। 15 वार्ड के इस नगर परिषद् में भाजपा 08 के कांग्रेस 04 व तीन निर्दलीय पार्षद है। वर्तमान में नपा उपाध्यक्ष पद पर शेखर चौधरी काबिज है।

*इस बार भी मॉग रहे टिकट*

शहडोल से बीते चुनाव में कांग्रेस से टिकट मांग चुके युवा कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष रवीन्द्र तिवारी इस बार अपनी पत्नि के लिये टिकट मॉग रहे हैं तिवारी पूर्व में नगरपालिका में पार्षद रह चुके हैं। वहीं दल बदल की राजनीति करने वाले नागेन्द्र नाथ सिंह अपनी पत्नी विभा सिंह के लिए कांग्रेस से टिकट मांग रहे है। नेता प्रतिपक्ष के नजदीकी माने जाने वाले नागेन्द्र नाथ सिंह पड़ोसी जिले अनूपपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके है। अध्यक्षी कार्यकाल उन्होने भाजपा के समर्थन में संभाला था इसके बाद उन्होने पार्टी को छोड़ते हुए भारतीय जनशक्ति पार्टी से कोतमा विधानसभा का चुनाव लड़ा व चुनाव में संतोषजनक वोट भी उन्हे नसीब नहीं हुए। इसके बाद उनका मोह पार्टी से भंग हो गया और वे कांग्रेस के पाले में चले गये। उन्होने अपने पुत्र प्रवीण सिंह को जिला पंचायत सदस्य का चुनाव अनूपपुर जिले से लड़वाया वहीं अपनी पत्नी विभा सिंह को जिला पंचायत सदस्य का चुनाव शहडोल जिले से लड़वाया। पत्नी तो चुनाव जीत गई लेकिन पुत्र चारों खाने चित हो गये अब सिंह साहब पंचायत की राजनीति छोड़ नगरीय निकाय में अपने सगे संबंधियों के भरोसे किस्मत अजमाना चाह रहे है।  कांग्रेस के अन्य दावेदारों में पूर्व महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सुमन लता अग्रवाल अपनी पुत्र वधू शिम्पी अग्रवाल को टिकट दिलाने जोर अजमाइश कर रही है। मीडिया क्षेत्र में काम कर चुकी शिम्पी राजनीति में कितना जोर लगा पाती है यह तो टिकट के बाद पता चलेगा।

*तीसरे में भाजपा व चौथे में कांग्रेस*

नगर परिषद् जयसिंहनगर में बीते नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा के 07, कांग्रेस के 04 व 03 बसपा के पार्षद रहे है। गुटबाजी के कारण जयसिंहनगर में भाजपा व कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा था। नेताओं की आपसी लड़ाई के कारण परिणाम यह निकला की भाजपा के तीसरे व कांग्रेस को चौथे स्थान पर अपनी स्थिति दर्ज कराना पड़ा। जयसिंहनगर में निर्दलीय प्रत्याशी रही सुलोचना पांडेय ने जीत दर्ज की थी बसपा की प्रत्याशी रागिनी सोनी को दूसरा स्थान मिल पाया था। निर्वतमान अध्यक्ष श्रीमती सुलोचना पांडेय परिवार सहित भारतीय जनता पार्टी में लगभग चार वर्ष पूर्व शामिल हो चुकी है अध्यक्ष पति मुन्ना पांडेय इस बार नगर के प्रथम नागरिक बनने के लिए भारतीय जनता पार्टी से टिकट मांग रहे है। भारतीय जनता पार्टी से टिकट मांगने वालों में पूर्व अध्यक्ष बद्री तिवारी, पूर्व मंडल अध्यक्ष दिलीप पयासी, पूर्व नगर पंचायत उपाध्यक्ष रामनारायण सोनी, राजेन्द्र द्विवेदी व संजय गुप्ता के नाम शामिल है। गौरतलब हो कि बद्री तिवारी को भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर वे बागी होकर भाजपा के खिलाफ ही चुनावी बिगुल फूंक चुके है।

*नेत्रियॉ हाशिये पर*

टिकट के लिये अभी तक तो नाम सामने आ रहे हैं। उसमें दोनों ही पार्टियों की नेत्रियॉ हासिये पर है और दोनों ही पार्टियों के दिग्गज नेताओं की पत्नियों के नाम सामने आ रहे हैं।

*दोनों पार्टी रच रही रणनीति*

भारतीय जनता पार्टी इस बार अपनी कब्जा बरकरार रखना चाह रही है  लेकिन कॉग्रेसी भी सत्ता परिवर्तन की चाह में जोर अजमाइश कर चुनावी रणनीति तैयार कर रहे हैं। लगभग सभी दल यहॉ पर फिलहाल अत्यंत सक्रिय है। मतदाताओं की पूॅछ परख बढ़ गई है।

भानु प्रताप साहू-

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