बाढ़ ने बरपा भारी कहर: केरल से गुजरात तक त्राहिमाम त्राहिमाम
तिरुअनंतपुरम-बाढ़ की विभीषिका झेल रहे देश के दक्षिणी एवं पश्चिमी हिस्से में संकट गहराता जा रहा है। केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात में करीब 174 लोगों की मौत हो गई। केरल में रविवार तक बाढ़ से सबसे ज्यादा 72 लोगों की मौत हुई है। महाराष्ट्र में 35 लोगों की मौत की खबर है। कर्नाटक और गुजरात में 34-33 लोगों की जान गई है। सभी इलाकों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। राहत एवं बचाव कार्य में सेना, नौसेना, तटरक्षक बल, एनडीआरएफ, पुलिस बल, वॉलन्टिअर्स समेत विभिन्न एजेंसियां लगी हुई हैं।
केरल में 2.27 लाख से अधिक लोगों ने 1,551 राहत शिविरों में शरण ली है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने रविवार को अधिकारियों के साथ मिलकर बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की और बताया कि मरने वालों की संख्या 72 हो गई है। कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रविवार को उड़ान परिचालन बहाल हो गया। रनवे पर पानी भर जाने के कारण हवाई अड्डा दो दिनों से बंद था। भारतीय मौसम विभाग ने भारी वर्षा अनुमान के मद्देनजर कन्नूर, कसारगोड और वायनाड के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। आने वाले कई दिनों तक भीषण बारिश होने की आशंका के मद्देनजर है केरल सरकार ने मिलिट्री टीमों को रेस्क्यू यूनिट्स बनाकर अभियान चलाने और फंसे हुए लोगों को एयरलिफ्ट करने का आदेश दिया है।
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कर्नाटक के बेलागावी जिले में बाढ़ का जायजा लेने के लिए हवाई सर्वे के लिए पहुंचे हैं। कोस्टगार्ड ने अपने ट्वीट में 3 राज्यों में फंसे हुए 2,200 नागरिकों को बचाने की जानकारी दी है। कर्नाटक में कम से कम 31 लोगों के मारे जाने की खबर है। कर्नाटक में 17 जिले प्रभावित हैं। सूबे में 600 राहत कैंप बनाए गए हैं और उनमें 1,61,000 लोगों को शिफ्ट किया गया है। कर्नाटक एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर कर्नाटक, तटीय इलाके और पश्चिमी घाट बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
कर्नाटक ने केंद्र सरकार से मांगी 3,000 करोड़ की मदद
बाढ़ के चलते कर्नाटक में 6,000 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। चीफ मिनिस्टर बीएस येदियुरप्पा ने इसे बीते 45 वर्षों में राज्य पर आई सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा करार दिया है। केंद्र सरकार से उन्होंने 3,000 करोड़ रुपये की राशि की मांग की है। येदियुरप्पा ने कहा, ‘एनडीआरएफ की 20 टीमें, सेना की 10 टीमें, नौसने की 5 टीमें और राज्य आपदा प्रबंधन की दो टीमें बचाव एवं राहत कार्यों में जुटी हैं।’
महाराष्ट्र में बाढ़ के चलते 35 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है। बाढ़ के चलते महाराष्ट्र के कई अहम मार्गों को बंद करना पड़ा है। यही नहीं गुजरात में तो आधी के चलते अहमदाबाद और नाडियाड में 8 लोगों की मौत हो गई। हालांकि महाराष्ट्र के सांगली और कोल्हापुर जिलों में बाढ़ की स्थिति में शनिवार को कुछ सुधार होता दिखा। महाराष्ट्र में बाढ़ प्रभावित इलाकों से अब तक करीब 4 लाख लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है। कोल्हापुर, पुणे, सोलापुर, सतारा, सांगली, रत्नागिरी, पालघर, रायगढ़ जिलों में स्थिति ज्यादा चिंताजनक है।
पश्चिमी महाराष्ट्र में बाढ़ की स्थिति में सुधार लाने के लिए कर्नाटक में कृष्णा नदी पर अलमाटी बांधी से पांच लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है। अधिकारी ने बताया कि सतारा में कोयना बांध से 53,882 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है क्योंकि उसके तटबंधीय क्षेत्र में अब भी बारिश हो रही है। वहीं बात अगर गुजरात की करें तो यहां पर भी स्थिति चिंताजनक है। सौराष्ट्र, कच्छ और सेंट्रल गुजरात के क्षेत्र बारिश और बाढ़ की मार झेल रहे हैं। गुजरात में अभी तक 33 लोगों की मौत हो चुकी है।