जनता ने वंशवाद की राजनीति नकार दी लेकिन कांग्रेस ने नहीं ली कोई सीख : शिवराज सिंह चौहान
नई दिल्ली : शिवराज ने कहा जनता ने वंशवाद की राजनीति को नकारा है लेकिन कांग्रेस इससे अभी तक कोई भी सीख नहीं ले पाई है. चौहान ने कहा कि भाजपा ने एक मिसाल कायम की क्योंकि उसके नेता स्वाभाविक रूप से पार्टी में उभरे जबकि कांग्रेस एक परिवार से आगे नहीं बढ़ पायी. बीजेपी के उपाध्यक्ष ने पत्रकारों से कहा, ‘कांग्रेस सीखना नहीं चाहती. यह हैरान करने वाला है कि सीडब्ल्यूसी अब भी चाहती है कि पार्टी का नेतृत्व राहुल गांधी और सोनिया गांधी करें.’
शिवराज ने सोनिया गाँधी को कांग्रेस की कमान फिर से मिलने पर तंज कसते हुए कहा की पिछले आम चुनाव में वंशवाद की राजनीति नकार दी गई लेकिन कांग्रेस ने इससे कोई सीख नहीं ली और वह अब भी चाहती है कि पार्टी का नेतृत्व राहुल गांधी और सोनिया गांधी करें.
गौरतलब है कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने शनिवार को सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया है. जब तक एआईसीसी स्थायी अध्यक्ष का चुनाव नहीं कर लेती तब तक सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष रहेंगी. कार्यसमिति की बैठक में फिर सदस्यों ने राहुल से इस्तीफे की पेशकश पर पुनर्विचार को कहा। इस पर पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बताया कि वह इसके लिए तैयार नहीं हैं।
इसके बाद पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने सोनिया गांधी को अध्यक्ष बनाने का सुझाव रखा। सभी सदस्यों ने इस पर मुहर लगा दी। पर सोनिया गांधी इसके लिए तैयार नहीं थी। सूत्रों के मुताबिक उनका कहना था कि इससे यह संदेश जाएगा कि गांधी परिवार अपने से बाहर किसी को अध्यक्ष नहीं बनने देना चाहता है। पर सभी सदस्यों के आग्रह पर उन्होंने अंतरिम अध्यक्ष बनना स्वीकार लिया।
सोनिया के अंतरिम अध्यक्ष बनाते ही राहुल गाँधी की गैर गाँधी नेहरु परिवार के अध्यक्ष वाली सोच को झटका लगा है .राहुल कांग्रेस को गाँधी नेहरु परिवार से अलग कर विपक्षी दलों को करारा जवाब देना चाहते थे उसमे कही विफल साबित हुए है. बतादें राहुल गाँधी ने लोकसभा चुनावो में कांग्रेस पार्टी की करारी हार के बाद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था की कांग्रेस का अध्यक्ष गाँधी/नेहरु परिवार से अलग कोई दूसरा होना चाहिए जिससे विपक्षी भाजपा के परिवारवाद के आरोपों का करार जवाब दिया जा सके.