November 24, 2024

रसायनिक पदार्थो से मछलियों का शिकार ,प्रतिबन्ध के बावजूद मत्स्याखेट जारी

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बिरसिंहपुर पाली(तपस गुप्ता) संजय गांधी ताप विधुत परियोजना के जोहिला डेम में प्रतिबन्ध के बावजूद मछलियों का शिकार जारी है जहाँ दिन रात स्थानीय कुछ लोगो के सह पर बाहरी बड़े व्यवसायी मत्स्याखेट करा रहे है। गौरतलब है कि जोहिला डेम के अघोषित घाट में जाल लगाकर मछली मारी जाती है जिसे स्कूली वेन लिखे वाहनों से छोटी तूम्मी मार्ग होकर शहडोल घुनघुटी व पाली सहित अन्य क्षेत्र में व्यवसाय के लिए ले जाया जाता है। बताया गया है कि डेम से जुड़ने वाली सुन्दरदादर के समीप नदियों में भी बहुतायत मात्रा में मछली का शिकार बेरोकटोक किया जाता है। बीते दिनों से यह बात भी सामने आ रही है कि बरसात न होने से मछली जल्द जाल में नही फंसती इसलिए अब रसायनिक पदार्थो का प्रयोग भी किया जाने लगा है जिससे छोटी व बड़ी मछली भारी तादात में मारे जा रहे है। डेम से लगे क्षेत्र अमवारी मंठार बन्धवाटोला कलदा मछेहा टकटई आदि क्षेत्र से भी मछली व्यवसायी शिकार कर आसपास के क्षेत्र में मछली का बेधड़क व्यवसाय कर रहे है जिसमे मत्स्य पालन विभाग व पुलिस प्रशासन का भरपूर सहयोग होने की चर्चा सर्वआम है। क्षेत्र के एक युवक ने नाम प्रकाशित न करने की बात कहते हुए बताया कि बीते दिन मंठार से लगे कुरकुचा गांव के घाट में देर रात्रि करीब 11 बजे बड़े मछली व्यवसायी बोलेरो गाड़ी से भारी तादात में मछली का परिवहन करने ही वाले थे कि अचानक किसी ने पुलिस को फोन कर दिया जहाँ सभी वाहन पुलिस ने पकड़ लिए जिन्हें मौके पर ही कुछ समय उपरांत लेनदेन कर छोड़ दिया गया। बताया गया है कि रात्रि में डेम पर लगाये गए जाल सुबह भोर में निकाल लिए जाते है जिनमे फंसी मछलियों को ठीहे में 70 रुपये प्रतिकिलो की दर से व्यवसायी खरीद कर विभिन्न व्यवसाय स्थलों में 150 रुपये प्रतिकिलो की दर से बेचते है। विदित होवे की बीते दिन मत्स्य पालन समिति के पदाधिकारी देवलाल इंद्रपाल सिंह आदि ने मछली मारने वालों को मछली सहित पकड़ा था जिसमे विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में दिखावी कार्यवाही भी की गई थी। बहरहाल भले ही शासन ने 15 अगस्त तक मछली शिकार करने में रोक लगाई हो लेकिन उसका कोई पालन नही होता बल्कि कुछ जिम्मेदारों का जेब जरूर गर्म हो रहा है।

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