मोबइल पर बात करते हुए वाहन चलाना दुर्घटना का बड़ा कारण ,कलेक्टर पी. दयानंद बिलासपुर
जोगी एक्सप्रेस
आनंद गुप्ता
बिलासपुर दिनों दिन बढती दुर्घटनाये और मोबाइल पर बात करते सड़कों पर वाहन चलाने वालों की अब खैर नहीं है। ऐसा करते पाए जाने पर यातायात अधिनियम के तहत न केवल कड़ी कार्रवाई की जाएगी बल्कि ड्राइविंग लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। चौक-चौराहों पर लगे सिग्नल तोड़ने वालों पर भी सख्ती बरती जाएगी । इसकी शुुरुआत महाराणा प्रताप चौक से की जाएगी।कलेक्टर पी दयानंद ने मंगलवार को मंथन सभाकक्ष में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक ली। उन्होंने वाहनों में प्रदूषण जांच के लिए सघन अभियान चलाने की बात कही। इस दौरान स्कूली बच्चों को घर से स्कूल व वहां से वापस घर ले जाने वाले वाहनों की सघन जांच का निर्देश दिया। स्कूली बच्चों के जान माल की सुरक्षा के मद्देनजर क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाकर ले जाने वाले वाहन चालकों के लाइसेंस निरस्त करने का फरमान जारी किया । ऐसे वाहनों की प्रतिदिन जांच करने की बात कही। कलेक्टर ने दोटूक कहा कि बच्चों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा । कलेक्टर ने जिले में ज्यादा से ज्यादा वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों की स्थापना पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बिलासपुर में लगभग 5 लाख वाहन है। प्रदूषण जांच की व्यवस्था भी इसी के अनुरूप होने चाहिए । वर्तमान में 17 केंद्रों के जरिए वाहनों की जांच की जा रही है । उन्होंने बताया कि 23 और जांच केंद्र खोलने की स्वीकृति मिल गई है। इस तरह 40 प्रदूषण जांच केंद्र खोले जाएंगे । वाहनों के प्रदूषण जांच के लिए वाहन मालिकों पर दबाव बनाने यातायात विभाग के अफसरों को निर्देशित किया । उन्होंने यातायात विभाग व आरटीओ को टीम बनाकर सघन जांच करने कहा । क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी देवेंद्र केशरवानी ने बताया कि एक वर्ष तक के वाहनों में प्रदूषण जांच की आवश्यकता नहीं होती है। इसके बाद हर 6 माह में जांच होना चाहिए। बैठक में महापौर किशोर राय ने शासकीय वाहनों में प्रदूषण जांच अनिवार्य रूप से करने कहा, जिससे जनसाधारण को भी अच्छा संदेश जाएगा ।
पुरानी बसों पर बैन
कलेक्टर ने जानकारी देते हुए कहा कि शिक्षा सत्र प्रारंभ हो गया है लिहाजा स्कूली वाहनों की जांच के लिए सघन अभियान चलाने की हिदायत दी । आरटीओ ने बताया कि जिले में 319 बसें संचालित हैं। 12 वर्ष से ज्यादा पुरानी बसों को चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कलेक्टर ने सभी स्कूली बसों की जांच करने का निर्देश दिया।
स्कूल समय में बदलाव
वही इन सभी दुर्घटनाओ को देखते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि स्कूल प्रबंधन से चर्चा कर बच्चों के परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने के अलावा स्कूल टाईम में सड़कों में यातायात का दबाव रहता है, इसको देखते हुए अलग-अलग स्कूलों में अलग-अलग समय का निर्धारण करने, साथ ही पैरेन्ट्स-टीचर मीटिंग भी अलग-अलग समय में करने व्यवस्था बनाने कहा ।