November 24, 2024

वाहवाही बटोरने का ऐसा चढ़ा प्रशासन को खुमार की कागजों में  ही ग्राम हो रहे फर्जी ओ.डि.एफ. घोषित

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  नवीन युवा शक्ति ने शौचालयों में बंदरबांट का लगाया आरोप

धरने पर बैठे  बिते 13 दिन, प्रशासन नही पहुंचा लेने सुध

जोगी एक्सप्रेस 

सुरजपुर / रामानुजनगर – प्रधानमंत्री के खुले में शौच मुक्त भारत का सपना अगर कहीं कागजों में  साकार होता देखना है तो वह सूरजपुर जिले में बडे़ ही आसानी से देखा जा सकता है जहां ग्रामों को कागज पर खुले में शौच मुक्त कर अधिकारी अपनी वाहवाही बटोरने में कोई कसर नही छोड़ रहे है तथा उक्त शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार में संलिप्त दोषियों पर कार्यवाही को लेकर छत्तीसगढ़ का एक सामाजिक संगठन नवीन युवा शक्ति  स्थानीय जनपद कार्यालय के सामने लगातार  धरने पर भी बैठा है पर चोर चोर मौसेरे भाई की कहावत को चरितार्थ करते हुए आला अधिकारी भी मुकदर्शक बन बैठे है। मामला जिला मुख्यालय के जनपद पंचायत रामानुजनगर (श्रीनगर) का है जहां स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत बनाये जा रहे शौचालयों का प्रशासनिक अधिकारियो की देखरेख में बंदरबाट सामने आया है जिसमे नवीन युवा शक्ति छत्तीसगढ़ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए आरोप लगाया है की जनपद पंचायत रामानुजनगर में हितग्राहियो के शौचालय निर्माण में जिला एवं जनपद अधिकारियों व कर्मचारियों की मिली भगत से भ्रष्टाचार का धिनौना खेल खुले आम खेला गया है। आला अधिकारीयों के संरक्षण में जनपद रामानुजनगर को फर्जी तरीके से खुले में शौच मुक्त कराकर बीते गणतंत्र दिवस में राज्यपाल के हाथों प्रस्तिपत्र प्राप्त कर वाहवाही लूटा गया जबकि जनपद रामानुजनगर के ग्राम पंचायतो में नवीन युवा शक्ति संगठन द्वारा गांव  गांव में चैपाल एवम भ्रमण कर शौचालय निर्माण का जायजा लिया तो जमिनी स्तर पर गावो में आधे अधूरे शौचालय निर्माण ही हुए है   और कहिं कहिं तो शौचालय के गढ्ढे खोदकर छोड़ दिया गया है जो की किसी भी व्यक्ति के जान को जोखिम में डालने के लिए पर्याप्त है। जिसे देखते हुए संगठन के पदाधिकारीयों व ग्रामिणों के द्वारा बीते माह 24 मई  को जनपद रामानुजनगर का घेराव कर दोषी अधिकारियो एवं कर्मचारियों के ऊपर कार्यवाही की भी मांग भी की गयी थी  जिसमें  कलेक्टर प्रतिनिधि के रूप में  तहसीलदार नन्दजी पांडेय  द्वारा उचित कार्यवाही का आश्वासन  देते  हुए 10 दिवस का समय मांगा गया था परन्तु ज्ञापन सौपे जाने के 13 दिवस बाद भी कोई उचित  कार्यवाही सामने नही आयी तो क्षुब्ध होकर संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौपते हुए  दिनाँक 8 जून 2017 से अनिचित कालीन धरना पर बैठे गये है परन्तु अनिश्चित कालिन धरने पर बैठे इस संगठन के कार्यकार्ताओं को आज लगभग 13 दिन हो चूके है लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने अब तक इन कार्यकर्ताओं की बात सुनना मुनासिब नही समझा है जो की समझ से परे है।

 बेसुध प्रशासन के कानों नहीं सुनाई दे रही धरने की गूंज

ओ.डी.एफ घोषित हो चुके रामानुजनगर जनपद पंचायत में शौचालय निर्माण आधा अधूरा है तथा कई स्थानों पर तो शौचालय के नाम पर मात्र गढ्ढे की दिखाई पड़ रहे है जिन गढ्ढों में आये दिन कोई न कोई ग्रामिण गिर कर आहत हो रहा है। नवीन युवा शक्ति छत्तीसगढ़ के पदाधिकारीयों ने जब इन खुले में शौच मुक्त करार दिये गये ग्रामों में जाकर जमिनी स्तर की हकिकत से रूबरू होना चाहा तब भ्रष्टाचार की एक काली हकिकत ने इन पदाधिकारीयों के होश उड़ा कर रख दिये जिसमें स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाये जाने वाले शौचालय निर्माण की प्रोत्साहन राशि का दुरुपयोग करना सामने आया है। जिले में शौचालय की राशी डकार जाने का यह कोई पहला मामला नही है फिर भी भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारी एवं कर्मचारियों के उपर कोई कार्यवाही क्यों नहीं हो पा रही यह सावालिया निशान प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर अब खड़ा हो चूका है, लगातार इन्ही सभी बातो को लेकर नवीन युवा शक्ति संगठन 13 दिनों से धरने पर बैठी है ताकी शौचालय निर्माण में संलिप्त भ्रष्टाचारियो पर उचित कार्यवाही हो सके एवं जमिनी स्तर पर भी खुले में शौचमुक्त ग्रामों को किया जाये तथा ऐसे दोषी जो अपने पद का दुरूपयोग कर शासन के पैसो का बंदरबांट करते है उन पर उचित कार्यवाही कर गांव के मजदूरों का शौचालय निर्माण में कार्य किये उनकी मजदूरी भुगतान हो सके परन्तु सामाचार लिखे जाने तक संगठन की मांगो की सुध लेने की किसी भी जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी ने प्रयास तक नही किया जिसे देखकर यह स्पष्ट हो रहा है की भ्रष्टाचार की जड़े अत्यंत कम समय में विशाल रूप धारण कर चुकी है

ग्रामीणों भी दे रहे अपना समर्थन

नवीन युवा शक्ति संगठन द्वारा जारी धरना स्थल पर प्रतिदिन आसपास गॉवों के  ग्रामीण भारी संख्या में  पहुँचकर अपना समर्थन दे रहे है। बीते  सोमवार को भी लगभग 100 की संख्या में ग्रामीणों ने पहुचकर अपना समर्थन दिया जिसमें महिलाये भी शामिल थी एवं  जिनके द्वारा शौचालय निर्माण में अधूरे एवम घटिया निर्माण को लेकर  अपनी   समस्यायो  को बताया गया एवम  शौचालय निर्माण में जो भ्रस्टाचार हो रहा है उसके खिलाफ  आंदोलन  करने की भी बात कही गयी ।

बनते के साथ ही गिर रहे शौचालय

वहीं  स्थानीय जानकारों का कहना है की
रामानुजनगर नगर ब्लॉक के ग्राम पंचायतों के शौचालय अत्यंत ही निन्म स्तर का बनाया जा रहा है जो की बनने के कुछ ही दिनों में गिर रहे है  जिसकी जानकारी  जिला  पँचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी को भी भलीभांति है क्योंकि उनके द्वारा  कुछ दिन पूर्व ही एक कार्यालयीन  वाट्सअप ग्रुप में लिखा भी गया है कि” परशुरामपुर का एक शौचालय मंडे को गिर गया है जिसमे उन्होंने सीईओ भानुप्रताप ,एसडीओ सिदार और नोडल पलक  के नामो को संबोधित करते हुए लिखा है कि कल ही परशुरामपुर जाकर मरम्मत करवाये और ऐसे ही अन्य कमजोर टॉयलेट को रिपेयर करें,ये अच्छी बात नही है ”फिर भी उनके द्वारा दोषी अधिकारी कर्मचारियों पर कार्यवाही  नही की जा रही है बल्कि रिपेयर करने की बात कही जा रही है जिससे पूर्ण रूप से यह प्रतीत होता है कि जिले में बैठे इन साहब के द्वारा ही अधिकारियो को खुला संरक्षण दिया जा रहा है ।
कुछ ग्रामीणों का तो यहां तक कहना है कि इन घटिया शौचालय निर्माण की स्थिति को देखते हुए अब मन मस्तिष्क में डर बैठ गया है अगर  अधिकारियो द्वारा बार बार सुधार करवाने के पश्चात  बन भी  जाता है तो  इसमें शौच के लिए जाने से पहले दस बार सोचना पड़ेगा की जाये की नही और अगर चले भी गये तो यह बात दिमाग में उछल कूद करता रहेगा की  कहिं शौच के दौरान    शौचालय की दीवार उनके उपर धराशायी न हो जाये।
अब यहां पर इस बात का आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है  कि रामानुजनगर जैसे ब्लाक में जहाँ पर वर्तमान एवम भूतपूर्व विधायक दोनों ही विद्यमान है तथा शौचालय निर्माण में प्रयुक्त सामग्री भी आसानी से उपलब्ध होना सम्भव है  के शौचालयों की स्थिति इतनी दयनीय है तो  जिले दूर दराज के क्षेत्रो में इन शौचालयों की क्या स्थिति होगी। इन सभी तथ्यों को  देखते हुए यह कहना तनिक भी गलत नही होगा की जिले से लेकर ब्लाक तक के अधिकारियो का उद्देश्य जनता के हित को देखते हुए शौचालयों का निर्माण करना नही है बल्कि अपने निजी स्वार्थो के पूर्ति के लिए है ।

इनका कहना है …

 इस संबंध में जानकारी लेने हेतु जिले के कलेक्टर व जिला पंचायत सीईओ से उनके मोबाइल पर सम्पर्क करने का प्रयास किया गया किन्तु  उनके द्वारा फोन रिसीव नही करने के कारण उनका पक्ष ज्ञात नही हो सका ।
अक्सर यह देखा गया है कि इन साहबो द्वारा फोन रिसीव नही करना जैसे यहाँ की  परंपरा ही बन गई है या फिर  अपनी कमियों को छिपाने के उद्देश्य से  फोन रिसीव नही किया जाता है ।कारण चाहे जो भी हो लेकिन एक बात तो स्पष्ट है कि ऐसे ही अगर इन उच्च अधिकारियों द्वारा क्षेत्रीय जनप्रधिनिधि ,जनता,मिडिया  का फोन रिसीव नही किया गया तो  जिले में चारो ओर भ्रष्टाचार और अनियमितताएं ही नजर आएगी।

ब्यूरो अजय तिवारी 

जोगी एक्सप्रेस 

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