बीजेपी सतनामी समाज से करती है भेदभाव, सतनामी समाज धर्मगुरुओं के भोज पर न बुलाकर किया अपमान,,,, डी. पी. धृतलहरे
जोगी एक्सप्रेस
रायपुर पूर्व मंत्री डी. पी. धृतलहरे, पप्पू बघेल एवं रीति देशलहरा ने कहा कि परमपूज्य गुरु घासीदास जी के वंशज , सतनामी समाज के धर्मगुरुओं के साथ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और डॉ रमन सिंह किया घोर अपमान । अपने छत्तीगढ़ दौरे का पहला भोजन बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 11 अलग-अलग समाज के अगुवा माने जाने वाले संतों के साथ किया और उनका सम्मान किया. इसकी मेजबानी विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने की.
जिन संतों के साथ अमित शाह ने भोजन किया. उनमें कबीर पंथ के गुरु प्रकाश मुनि साहेब, सिंधी धर्म गुरु युधिष्ठिर महाराज, गहिरा गुरु आश्रम जशपुर के बभ्रुबाहन जी , गुमरगुंडा आश्रम दंतेवाड़ा के विशुद्धानंद जी,विवेकानंद आश्रम नारायणपुर के स्वामी व्याप्तानंद जी, विवेकानंद आश्रम के स्वामी सत्य स्वरुपानंद जी, भारत सेवा संघ के शिव रुपानंद जी, प्रजापति ब्रह्माकुमारी रायपुर की बहन कमला जी, माता रुखमणि सेवा संघ, जगदलपुर के पद्मश्री धर्मपाल सेवी जी, चकरभाटा बिलासपुर के साईंलाल जी दास और पूर्व सांसद रायपुर गोपाल व्यास जी थे। लेकिन सतनामी समाज के धर्मगुरुओं को इस भोज में शामिल ही नही किया जो सतनामी समाज के लिये घोर अपमान और प्रतिष्ठा का विषय है है। बीजेपी आज भी छुआछूत और भेदभाव की अपनी नीति पर कायम है। जिसका ताज़ा उदाहरण आज का भोज है ।भाजपा ने बिना कारण के जनसख्या कम हुए बिना ,16% से आरक्षण 12% (4% कम ), करके और परम, पूज्य गुरु घासीदास जी की 10वी की पाठ्यक्रम में चलने वाले पाठ को हटा के दिया है अपने राजनीतिक फायदे के लिए गिरौदपुरी धाम की यात्रा करना चाहते है।ऐसे भेदभाव करने वाली पार्टी के नेताओ को गिरौदपुरी धाम में नही जाना चाहिए,जहाँ उद्घाटन के बाद भी आम जनता और समाज के दर्शन के लिए नही खोल पाये। सतनामी समाज की ज्यादा परीक्षा न ले बीजेपी वो इस भयंकर अपमान का बदला जरूर लेगी ।।।