बच्चों के अभिभावकों की जेबों पर डाका डाल रहे हैं निजी स्कूल, सरकार को अंकुश लगाने की है जरुरत – संजीव अग्रवाल
रायपुर,जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मीडिया समन्वयक व प्रवक्ता संजीव अग्रवाल ने मीडिया के माध्यम से निजी स्कूलों पर यह आरोप लगाया है कि निजी स्कूलों के द्वारा बच्चों के अभिभावकों की जेबों पर डाका डाला जा रहा है और तरह-तरह की फ़ीस ले कर लोगों को ठगा जा रहा है। छत्तीसगढ़ में निजी स्कूल एडमिशन फ़ीस और ट्यूशन फ़ीस के नाम पर पैसे वसूल कर रहे हैं। इसके अलावा अभिभावकों को स्कूल के यूनिफार्म और कॉपी किताबों के लिए भी अलग से पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। ये निजी स्कूल सरकारी मानकों को ताक पर रखते हुए अपनी मनमानी कर, शिक्षा के नाम पर व्यापार कर रहे हैं।
संजीव अग्रवाल ने कहा कि सरकार को इस विषय पर उचित करवाई करने की जरुरत है क्योंकि यह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। निजी स्कूल, ब्रांड के नाम पर हजारों लाखों रुपए सालाना वसूल कर रहे हैं और अभिभावकों को भी मजबूरी में अपने बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा देने के लिए भारी भरकम फ़ीस चुकानी पढ़ रही है। लेकिन जो अभिभावक इतनी मोटी रकम चुकाने की हालत में नहीं हैं क्या उनके बच्चों का भविष्य उज्जवल हो सकता? इस विषय में सरकार को गंभीरता से कदम उठाने की जरूरत है। ये निजी स्कूल छत्तीसगढ़ में पिछले 15 सालों से भाजपा सरकार से मिली भगत करके ट्यूशन फ़ीस के नाम पर अभिभावकों से ₹30000 से ₹50000 तक वसूल कर रहे हैं।
संजीव अग्रवाल ने कहा कि, अब प्रश्न यह उठता है कि स्कूल में किस प्रकार का ट्यूशन हो रहा है और अगर स्कूल में ट्यूशन नहीं लिया जा रहा है या फिर कोई अतिरिक्त पढ़ाई नहीं कराई जा रही है, तो किस बात की ट्यूशन फ़ीस वसूली जा रही है तथा स्कूल में अगर ट्यूशन दिया जाएगा तो स्कूल पैसा किस बात का ले रहा है क्योंकि स्कूल में तो बच्चे पढ़ने के लिए ही जाते हैं। ट्यूशन करने के लिए तो वे किसी ट्यूटर के पास जाते हैं जहां छात्रों को अतिरिक्त फ़ीस देनी होती है जो कि एक वैकल्पिक व्यवस्था है।
संजीव अग्रवाल ने कहा कि इससे यह साफ होता है कि इन स्कूल के ऊपर सरकार का कोई अंकुश नहीं है और अगर सरकार ने इन पर अंकुश नहीं लगाया तो कई बच्चे अच्छी शिक्षा से वंचित रह जाएंगे और कई अभिभावक शिक्षा देने के लिए इन स्कूलों की जेब भरते रहेंगे। सरकार को इस विषय को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। सरकार को तो ऐसे काम करने चाहिए जिससे कि सरकारी स्कूलों में ही बेहतर से बेहतर शिक्षा बच्चों को दी जा सके ताकि इन निजी स्कूलों का महत्व अपने आप ही कम हो पाए।
संजीव अग्रवाल ने जापान देश का उदाहरण देते हुए समझाया है कि जापान में प्राथमिक शिक्षा के लिए भी यूपीएससी और पीएससी जैसी परीक्षाएँ देनी पड़ती हैं ताकि पढ़े-लिखे और योग्य शिक्षक ही बच्चों को स्कूल में शिक्षा दे पाएँ ताकि बच्चों की पढ़ाई की नींव मजबूत हो पाए। इसीलिए जापान में बच्चे बड़े होकर तरक्की करते हैं और इसी कारण जापान आज छोटा होने के बावजूद भी तकनीकी रूप से सबसे सक्षम देश है।
संजीव अग्रवाल छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री से अपील की है कि इस विषय पर सर्वाधिक ध्यान दें ताकि बच्चे अच्छी शिक्षा लिए पाएँ और छत्तीसगढ़ को एक बेहतर भविष्य दे पाएँ “क्योंकि पढ़ेगा इंडिया तभी बढ़ेगा इंडिया”