….तो क्या फिर मिलेगा भाजपा को सत्ता का सुख ?
जोगी एक्सप्रेस
अमित जैन बुढ़ार
शहडोल[ म.प्र.] बुढ़ार नगर में लगातार तीन पंचवर्षीयों के सत्ता का सुख भोग रही भाजपा की नगर की सरकार में पिछले कई वर्षों से सब्जी मंडी व्यवस्थित करने की, स्वच्छ जल सप्लाई, बस स्टैण्ड सर्व सुविधायुक्त बनाते हुए अन्यत्र शिफ्ट करने, छिरहा तालाब के सौन्दर्यीकरण जैसी कई समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं, पिछले 15 वर्ष में भाजपा के अध्यक्ष होने के बावजूद इस समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया है, ऐसे में चुनाव जीतने के लिये भाजपा प्रत्याशियों को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है।
नगर में पिछले तीन पंचवर्षियों से अध्यक्ष पद पर भाजपा का कब्जा बना हुआ है, पार्टी ने जिस किसी भी उम्मीदवार को मैदान में उतारा उसने जीत हासिल की। भाजपा ने नगर परिषद को अपना गढ़ बना लिया है, इसलिये पार्टी से टिकट मांगने वालों की होड़ सी लग गई है। इस बार अध्यक्ष पद के प्रत्याशी की दौड़ में कैलाश विश्नानी, पुष्पेन्द्र ताम्रकार, रविकांत चौरसिया, रवि रजक, विक्रम बारी आदि कई का नाम चर्चाओं में है और इन नेताओ ने जनसंपर्क भी तेज कर दिया है।
फेक रहे अब नया पाशा नगर भर के नेता
पद के दावेदारी कहीं कैलेण्डर बांटकर तो कहीं वरिष्ठ बुजुर्गों का सम्मान कर या खेलप्रेमी बनकर घर-घर दस्तक देकर अपनी पूरी ताकत मतदाताओं को लुभाने में झोंक रहे हैं, जबकि कई संभावित प्रत्याशियों का टै्रक रिकार्ड भी अवैध धंधे करने के कारण खराब है, फिर भी इन्हें टिकट मिलने की प्रबल संभावना है, क्योंकि इनके पास पैसे बहुत हैं। अभी तक भाजपा प्रत्याशियों की जीत का प्रमुख कारण प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की स्वच्छ छवि व कांग्रेस नेताओं में आपसी फूट रही है, लेकिन शिवराज ङ्क्षसह की छवि इस समय जनता के बीच खराब होने की बजह से अपने दम-खम व कांग्रेसी फूट का ही लाभ मिलने की संभावना है। वैसे तो बुढ़ार नगर की जनता भी काफी सीधी-सादी व भावनात्मक है और बहुत सारी बातें वे जल्दी भूल भी जाती है, इसका लाभ भी भाजपा को मिल सकता है।
व्यापारी युवा सब है हलाकान
व्यापारियों की पार्टी कहीं जाने वाली भाजपा का सबसे बड़ा दुश्मन इस समय व्यापारी वर्ग है। सराफा व्यवसायियों का सरकार की नीति के खिलाफ महीनों आंदोलन करना, दवा व्यवसायियों का नये नियम के विरूद्ध पूरा भारत बंद करना, दवा व्यवसायियों के नये नियम के विरूद्ध पूरा भारत सत्य-प्रतिशत सफल होना, नोटबंदी से जी.डी.पी. मेें दो प्रतिशत की गिरावट आना, कई उद्योग धंधे बंद होने से लोगों का बेरोजगार होना, व्यांपम घोटला आदि कई बातों को लेकर व्यापारी व युवा वर्ग भाजपा सरकार से काफी नाराज हैं। ऐसे में यदि ये सभी लामबंद हो गये तो भाजपा की खटिया खड़ी हो सकती है।
निर्दलीय कही बजा न दे बाजा