November 23, 2024

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहुंचे अपने स्कूल

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शाला से मिला इतना कुछ कि ऋण से मुक्त होना असंभव
बजट में मर्रा में नये कृषि महाविद्यालय की घोषणा बजट का 22 फीसदी हिस्सा कृषि क्षेत्र के लिए

रायपुर-मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज दुर्ग जिले के ग्राम मर्रा स्थित हाई स्कूल पहुंचे। मुख्यमंत्री ने इसी स्कूल से शिक्षा ग्रहण की है। उन्होंने गुरूजनों से आशीर्वाद लिया और सहपाठियों के साथ बिताए आत्मीय क्षणों और स्कूल के दौर को साझा किया। श्री बघेल ने यहां आयोजित सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि अपने स्कूल को देखता हूं तो अपने गुरुजनों की, सहपाठियों की बहुत सी स्मृतियां ताजी हो जाती हैं। इनका इतना आशीर्वाद मिला कि आज मैं प्रदेश का मुख्यमंत्री हूँ। उन्होंने कहा यह इतना बड़ा ऋण है कि इस ऋण से मुक्त होना असंभव है। अपने सबसे मधुर दिन मैंने यहां बिताये। आज जब सभी दोस्तों से मुलाकात हुई तो लगा कि पुराने दिन वापस आ गए। यहां अब नया स्कूल भवन बन गया है, लेकिन मुझे वो पुरानी स्कूल भवन ही अच्छा लगता था। थी। तब साईकल से स्कूल आते थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यवस्था में बेहतर बदलाव के लिए संघर्ष करना मैंने मर्रा से ही सीखा। यहां शिक्षकों की कमी थी। जब हमने संघर्ष किया तो यह कमी पूरी हुई। यह सीख हमेशा याद रही और मैं संघर्ष से कभी पीछे नहीं रहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती किसानी विकसित हो इसके लिए मर्रा में कृषि महाविद्यालय खोलने का निर्णय लिया गया। इसके आरम्भ हो जाने से बेहतर कृषि विशेषज्ञ तैयार हो पाएंगे और वे क्षेत्र में खेती किसानी को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार बजट में सर्वाधिक 22 फीसदी का प्रावधान कृषि के लिए रखा गया है। हम नरूवा, गरुवा, घुरूवा और बारी का विचार लेकर गांव के विकास के लिए काम कर रहे हैं। इसकी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को विस्तार देने में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। हमारा पशुधन हमारी शक्ति बनेगा। जैविक खाद से लेकर बायो गैस तक गौठान से हमे प्राप्त होंगे। यह ऐसा संसाधन है जो मुफ्त है और हमेशा के लिए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्ज माफी तथा 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर धान खरीदी से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है जिसका असर बाजार में दिखने लगेगा। उन्होंने कहा कि किसानों के पास जो धन आया है, उससे वे छोटी-छोटी खुशियां पूरी कर सकेंगे। कुछ लोगों ने तो बाइक ली और लिखा लिया, 2500 रुपये धान मूल्य से प्राप्त। यह सब सुनकर बहुत अच्छा लगता है।

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