निकाय चुनाव में क्या इस बार टिकट में चलेंगे मनमानी…?

*नगर पालिका धनपुरी चुनाव विशेष…*
जोगी एक्सप्रेस

*धोखे पर हुआ था धोखा*
सूत्रों की माने तो तू डाल-डाल तो मैं पात-पात वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए दौलत मनमानी के मनसूबों पर उस समय पानी फिर गया था जब रविंदर कौर छावड़ा ने अध्यक्ष पद का टिकट मनमानी को मिलते हुए भी छीन लिया था इस षडयंत्र का शिकार हुए मनमानी आहत जरूर हुए थे, लेकिन सब सही की तर्ज पर पार्टी के आदेशों को स्वीकार किया। उस समय दोनों नेताओं में टिकट को लेकर वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी। जो आज एक बार फिर से आमने-सामने दिखाई पड़ रही है। इस बार चुनावी ऊॅंट किस करवट बैठेगा यह तो भविष्य के गर्व में है लेकिन तय है कि आगामी समय में होने वाला नगरपालिका चुनाव किसी महाभारत से कम साबित होने वाला नहीं दिखाई पड़ रहा है।
*चौके-छक्को ने बिगाड़ा था समीकरण*
नगरपालिका परिषद धनपुरी में उस समय दौलत मनमानी इसलिए उपाध्यक्ष नहीं बन पाये कि उनके बनती समीकरण में चौके-छक्को ने ऐसा खेल बिगाड़ा की आज भी उन्हें व चुनाव यादगार बना हुआ है। बीजेपी के 10 पार्षद होने के बाद भी उपाध्यक्ष न बन पाना अपने आप में कई सवाल खड़े करते है ? लेकिन यह सब बातें पॉंच साल पुरानी हो गई, अब तो लड़ाई की जो नई बिगुल बज गई है उसमें कौन किस पर कितना भारी पड़ता है यह देखने लायक होगा।
*दोनों पर लगे है दाग*
जानकारों की माने तो आगामी नगरपालिका चुनाव में दौलत मनमानी तथा रविंदर कौर छावड़ा दोनों ही टिकट के लिये कोई अंदर से तो कोई खुलकर भाजपा से प्रबल दावेंदारी प्रस्तुत कर रहे है लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि दोनों के दामन पर दाग लग चुके है पांच साल के कार्यकाल में रविंदर कौर छावड़ा के ऊपर जहाँ जमकर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगे तो वहीं दौलत मनमानी भी मनमर्जी के मुताबिक अनाप-सनाप कार्यो में संलग्न रहे। जनता के बीच दोनोें की छवि को लेकर काफी नाराजगी देखी जा रही है, जिससे उभर पाना संभव नही दिखाई पड़ रहा है।
*नगर में अब नये चेहरें की मांग*
भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही दलों से धनपुरी नगरपालिका की जनता यहीं उम्मीद कर रही है कि इस बार नगरपालिका अध्यक्ष का जो भी उम्मीदवार हो वह युवा के साथ-साथ नया चेहरा होना चाहिए। तभी जनता उसे अपना मतदान देकर विजयी बनायेगी। यदि राजनैतिक दल गलत व्यक्तियों को टिकट देता है तो इसका परिणाम कांग्रेस व भाजपा को भुगतना पड़ सकता है।…