प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का क्रियान्वयन सिर्फ कागजो पर ,नही मिल रहा लाभ
जोगी एक्सप्रेस
ब्यूरो अजय तिवारी
सूरजपुर- जिला मुख्यालय के सुदूर अंचल क्षेत्र कहे जाने वाले चांदनी बिहारपुर के आसपास के क्षेत्र में प्रशासनिक लापरवाही के कारण प्रधानमंत्री के द्वारा चलाई जा रही है जनकल्याणकारी योजना उज्वला का तेल निकलता नजर आ रहा है।
ऐसा ही एक मामला ओड़गी विकासखंड के ग्राम पंचायत खोहिर में सामने आया है जहां अधिकांश आदिवासी परिवार निवासरत है जिनमें से एक को भी को गैस कनेक्शन का वितरण नहीं हो सका है जबक़ी शासन का उद्देश्य प्रत्येक परिवार को गैस सिलेंडर उपलब्ध कराना है जिसके लिए 2011 की सर्वे सूचि को आधार माना गया है । लेकिन आजतक इस योजना के तहत खोहिर पंचायत के ग्रामीणों को लाभ क्यों नही मिल सका है जबकी इस योजना को शुरू हुए लगभग एक अरसा बीतने को है यह समझ से परे है।
विदित हो की महिलाओं को चूल्हे के धुएं से राहत दिलाने हेतु उज्ज्वला योजना के तहत कनेक्शन प्रदान करने का संकल्प केंद्र और राज्य शासन ने एक साथ मिलकर लिया परंतु प्रशासनिक लापरवाही के कारण जिले में इस योजना का बंदरबांट खुलेआम जमकर किया जा रहा है। कागजों तक तो इन योजनाओं को शत-प्रतिशत पूरा कर वाहवाही जरूर बटोरी गई परंतु जमीनी स्तर की सच्चाई यह है कि आज भी क्षेत्र के हजारों परिवारो की महिलाएं लकडी का सहारा लेकर दो वक्त का भोजन पकाकर अपने परिवार की भुख मिटा रही है जिससे खाना बनाते वक्त निकलने वाले धुंए से उनको कई प्रकार की बीमारियों से ग्रसित होने का खतरा भी बढ़ता जा रहा है तो वही दूसरी ओर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और अधिकारी अपनी वाहवाही बटोरने में लगे हुए है।
इस संबंध में ग्राम पंचायत खोहिर के रोजगार सहायक राम बहादुर से बात की गयी तो उनके द्वारा बताया गया कि गाँव में 20-25 लोगो को उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर वितरण किया गया है जबकी वही पंचायत सचिव ने बताया कि की सिर्फ एक हितग्राही को गैस सिलेंडर दिया गया है जिनका नाम सलिता पति पवन जायसवाल है तथा ग्राम वासियो को बार बार कहने के बाद भी दस्तावेज जमा नही किया जा रहा है।
अब इन बातों में सच्चाई कहां तक है यह तो जांच के बाद ही सामने आएगा।
बहरहाल अब देखना यह है कि इस क्षेत्र की महिलाओं को शासन की इस जनकल्याणकारी योजना का लाभ कब तक जमीनी स्तर पर मिल पाता है ।