सरकार की उदासीनता के चलते शव को न कफन नसीब हुआ न कंधा
सरकार की उदासीनता के चलते शव को न कफन नसीब हुआ न कंधा
दूरस्थ ग्रामीणाचंल, वनांचल में न सरकार पहुंच रही हैं न ही कानून की धाराएं
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा, नारा तक ही सीमित
(दुष्कर्म पीड़िता के परिवार को किया था बहिष्कृत)
जोगी एक्सप्रेस
रायपुर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश प्रवक्ता भगवानू नायक ने कहा एक तरफ भाजपा पं. दिनदयाल उपाध्याय के जन्म से मृत्यु तक का जीवन कथा का आयोजन कर रही हैं एकात्मवाद और गरीबों के लिए काम करने की सीख दे रही हैं, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह को गरीबों का मसीहा बताया जा रही हैं वहीं दूसरी तरफ राज्य में प्रशासन के उदासीनता और अकर्मण्यता के चलते शव को कफन और कंधा भी नसीब नहीं हो रहा हैं। घटना दूरस्थ ग्रामीण अंचल देवभोग क्षेत्र की हैं जहां एक दुष्कर्म पीड़िता के परिवार को बहिष्कृत कर दिया गया इस मामले में माननीय न्यायालय आरोपी को सजा दे चुकी हैं, ऐसी स्थिति में पीड़िता को सहानुभूति और सम्मान के बजाय अपमान मिला, समाज के मुख्यधारा में जोड़ने के बजाय समाज से ही बाहर कर दिया हैं और उसके साथ अन्याय किया गया, राज्य में इस तरह की यह पहली घटना नहीं हैं जब किसी पीड़िता को इस प्रकार प्रताड़ित किया गया हैं इसके पहले भी दुर्ग में परेशान होकर एक दुष्कर्म पीड़िता आत्महत्या कर ली थी। देश में भाजपा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं का नारा दे रही हैं, विज्ञापन में करोड़ो रूपये खर्च किए जा रहे लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती हैं, ऐसी बेटी को आज मरने के लिए मजबूर कर दिया जाता हैं यह कैसा समाजिक असंतुलन हैं, ऐसे समय में कहां रहती हैं पुलिस, कहां रहता हैं प्रशासन, कहां गायब हो जाता हैं सबका साथ सबका विकास का नारा। भाजपा के 14 साल के कार्यकाल में दूरस्थ ग्रामीणांचल और वनांचल में न सरकार पहुंच रही हैं न ही कानून की धाराएं, यह कैसा राज्य जहां एक बुर्जुग शव को कफन और कंधा भी नसीब नहीं हो रहा हैं, गरीबों का खाना पानी नसीब नहीं हो रहा हैं चारों ओर अपराध ही अपराध नजर आता हैं, छत्तीसगढ़ अपराध का गढ़ में तब्दील होता जा रहा हैं।