कागज पर पुल बनाने की तैयारी में जुटा प्रसाशन, वही बारिश में कुप्पा व टमकी निवासी नहीं कर सकेंगे शहर से संपर्क
जोगी एक्सप्रेस
ब्यूरो अजय तिवारी
सूरजपुर ।जिले के ओड़गी विकासखण्ड के कुप्पा व टमकी पहुँच मार्ग में रेड नदी पर करोड़ो रूपये की लागत से बने दो पुल पिछले साल 13 अगस्त 2016 को भारी बढ़ के कारण दो पुल धराशायी हो गए थे । जिसके पश्चात 2 महीने तक नाव के सहारे से ग्रामीणों का आवा गमन चालू हुआ ।ततपश्चात ग्रामीणों द्वारा हड़ताल धरना प्रदर्शन के बाद सम्बंधित विभाग जागा और उसके द्वारा स्थाई रपटा बनाया गया था और पूरे 4 महीने गर्मी तक उसमे आवा गमन किया गया लेकिन बरसात नजदीक आते ही इन ग्रामो के ग्रामीण को आवा गमन की चिन्ता सताने लगी है।विदित हो की खोरमल घाट पुल के अंतर्गत 8 ग्राम पंचायत की आबादी लगभग 8000 हजार व कुप्पा घाट पुल के अंतर्गत 4 पंचायतो की आबादी लगभग 6000 हजार है जिनका बरसात के दिनों में इन दोनों घाटों पर पुल नही होने से जिला मुख्यालय व ब्लाक मुख्यालय से पहुँच पाना संभव नही है और मुख्य बात यह है कि पुल नही होने से इन ग्रामो में खाद्यान और चिकित्सा सुविधा जैसी मुख्य आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ अन्य वस्तुएं भी पहुँच पाना दुर्लभ है।
वहीं शासम द्वारा बहे पुल के स्थान पर नए पुल निर्माण के लिए बजट में प्रावधान तो कर दिया गया है, लेकिन सेतु संभाग कार्यालय द्वारा प्रस्तुत स्टीमेट को मंजूरी नहीं दिए जाने से बरसात में आवागमन बाधित होना सुनिश्चित है। वैकल्पिक तौर पर आवागमन सुविधा के लिए जिस रपटे का निर्माण कराया गया है, उसका लाभ बारिश में ग्रामीणों मिल पाना असंभव नजर आ रहा है।
अगर स्थानीय जानकारों की माने तो रेण व महान दोनों नदी का पानी रेण नदी में आकर इन्ही दोनों पुल पर मिलता है तो नदी पर पानी का बहाव तेज होता है, ऐसे में ह्यूम पाइप का इस्तेमाल कर कम उंचाई का रपटा किसी काम का नहीं रह जाएगा। बरसात में बाढ़ के कारण यदि रपटा बहा तो फिर से इस मार्ग में आवागमन बाधित हो जाना तय है।
शासन का भी रवैया उदासीन
महत्वपूर्ण व पहुच विहीन मार्ग होने के बावजूद शासन स्तर से नए पुल निर्माण के लिए त्वरित पहल होती नजर नहीं आ रही है। चालू वित्तीय वर्ष के बजट में रेड नदी पर नए पुल निर्माण का प्रावधान तो किया गया है लेकिन विभागीय तौर पर स्टीमेट बनाकर शासन को जो प्रस्ताव भेजा गया है, उसे मंजूरी नहीं दी गई है। लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग को रेड नदी पर नए पुल निर्माण के लिए एजेंसी बनाई गई है। विभाग की ओर से नए पुल निर्माण हेतु इन दोनों पुल के लिए 10-10 करोड़ रुपए का प्रस्ताव शासन के समक्ष प्रस्तुत किया जा चुका है परंतु उसे हरी झंडी नहीं मिली है। ऐसे में बरसात से पहले पुल निर्माण का काम किसी भी स्थिति में शुरू नहीं हो सकता। शासन स्तर से प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद निविदा प्रक्रिया पूरी करने में ही वक्त लगेगा। ऐसे में इस साल भी पुल का निर्माण असम्भव है।
नाव ही एक मात्र सहारा उसका भी अभी तक ठेका नही हुआ।
पिछली बरसात में ओड़गी से खोंड़ व ओड़गी से कुप्पा मार्ग पर नवनिर्मित दो बड़े पुल भी बह गए थे। इन पुलों के बह जाने से दर्जनों गांवों के लोगो को आने जाने के लिए नाव ही एक मात्र सहारा बना है वही बरसात शुरू 15 दिन ही शेष बचा है लेकिन अभी तक उक्त घाटों में नाव का भी ठेका नही हो पाया है ऐसे में क्षेत्रीय ग्रामीण आवा गमन को लेकर चिंतित दिखाई दे रहे है।
इनका कहना है …..
विभाग द्वारा इन दोनों स्थानों पर नये पुल निर्माण हेतु शासन के समकक्ष प्रस्ताव भेजा गया था जो शासन द्वारा बजट में नए पुल निर्माण का प्रावधान भी किया गया है।जल्द ही शासन द्वारा प्रसाशनिक स्वीकृति प्राप्त हो जायेगी और इस वर्ष तो बरसात आ जाने के कारण निर्माण कार्य चालू नही हो पायेगा तथा इन दोनों स्थानों पर जो रपटा बना है वह ज्यादा पानी का बहाव बर्दास्त नही कर पायेगा ।
एम एस नागरे
अनुविभागीय अधिकारी
सेतु निर्माण विभाग
सूरजपुर