समजवादी पार्टी में बग़ावत या जानबूझ कर मिडिया के सामने कराया गया नाटक:देखे विडियो
रायपुर छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर दावेदार और उनके समर्थकों ने यहां पत्रकारवार्ता के दौरान जमकर हंगामा किया। कांफ्रेंस हॉल में बड़ी संख्या में सपा के लोग पीछे बैठ हुए थे। सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमयी नंदा प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर रहे थे। अपना नाम नहीं सुनकर दावेदार भड़क गए। उनका कहना था कि सालों से पार्टी से जमीनी स्तर से जुड़े होने के बाद भी उनको नजर अंदाज किया गया। इस मामले में नंदा का कहना है कि अक्सर प्रत्याशियों की घोषणा के समय ऐसा होता ही है क्योंकि सभी चाहते हैं कि टिकट उनको मिले लेकिन अंतिम फैसला तो पार्टी ही करती है।
बलौदाबाजार के दावेदार केके वर्मा और उनके समर्थकों ने जमकर हंगामा किया। उनका कहना था कि आज प्रेस कांफ्रेंस लेने राष्ट्रीय नेता आए हैं। नामों की घोषणा कर चले जाएंगे आगे कब आएंगे पता नहीं। हमने पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर कार्य किया है। उम्मीद थी टिकट मिलेगी लेकिन पार्टी ने नजर अंदाज कर दिया। पार्टी फोरम में अपनी बात रखने पर उनका कहना था कि वर्षों से जुड़े रहने पर भी पार्टी ने मौका नहीं दिया तो अब क्या सुनेंगे। हंगामे के बीच सपा के कुछ लोगों ने यह तक कह दिया कि ऐसे लोग आते नहीं भेजे जाते हैं। देखते ही हंगामा इस कदर बढ़ गया कि तीखे तेवर भी देखने को मिले। इन सब के बीच सपा के नेताओं ने पहुंचकर मीडिया के सामने हंगामा नहीं करने की बात कहते हुए केके वर्मा को समझाने लगे। उन्हें कांफ्रेंस हॉल से बाहर ले जाया गया लेकिन बाहर भी जमकर कहासुनी हुई। काफी मान मनौव्वल के बाद मामला थोड़ शांत हुआ।
केके वर्मा ने मीडिया से चर्चा में कहा कि वो पार्टी के लिए 2005 से लगातार काम कर रहे हैं, लेकिन जमीनी नेताओं की यहां कोई पूछ परख नहीं हो रही है। वो पार्टी का झंडा तब से उठा रहे हैं, जब पार्टी को छत्तीसगढ़ में कोई नहीं जानता था।