कोरिया छत्तीसगढ़ , में आये दिन श्रमवीरो के साथ कोई न कोई दुर्घटना होती जा रही और अधिकारी अपने अपने फ़ोन पर मगन नज़र आते है ,क्या श्रमवीरो की जान इतनी सस्ती अंक रखा है s.e.c.l इस से पूर्व भी लगातार कई बड़ी दुर्घटनाये हो चुकी परन्तु न तो यहाँ सुविधाए ही बढ़ी न ही नए एम्बुलेंस की सुविधा ही मिल पाई क्या इसी तरह श्रमवीरो के साथ होता रहेगा क्या यु ही खटारा हो चुकी एम्बुलेंस बीच रस्ते में secl प्रबंधन की तरह हाथ खड़े कर आला अधिकारियो की दुहाई देते रहेंगे ???? वही एस ई सी एल के बड़े बड़े श्रमिक नेता, जो सिर्फ सी. एम्. डी. व्. डी. पी. के आने पर ही दिखाई देते हैं, श्रमिक हित के नाम पर बने ये नेता अधिकारीयों की जी हुजूरी बंद कर कब मजदूरों के हित के लिये कुछ करेंगे। बगावत के ये तेवर आज इसलिए बुलंद हो रहे है की एस.ई.सी.एल. में लागातार श्रमिक दर्घटना में घायल हो रहे है उनकी मौत हो रही है लेकिन कोई भी नेता प्रबंधन के खिलाफ कुछ भी बोलने करने आगे नही आता है..ऐसी ही एक घटना अज शनिवार को सुबह 9.30 बजे कपिलधारा खदान में हुई जहा कोयले की दिवार गिरने से 3 श्रमिक घायल हो गये। इन तीनों में से घायल संतोष तिवारी को गम्भीर चोट आई है। उन्हें केंद्रीय चिकित्सालय आमखेरवा से तात्कालिक उपचार दे कर अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर रिफर किया गया लेकिन घायल मजदूर को अपोलो ले जा रही एस.ई.सी.एल. की कंडम और ख्स्ताल एम्बुलेन्स का रास्ते में ही दम निकल गया और लगभग एक घण्टे तक घायल श्रमिक दानीकुण्डी में दूसरे वाहन की प्रतीक्षा करता रहा लगभग एक घंटे बाद दूसरे वाहन की व्यवस्था होने के बाद मरीज को अपोलो अस्पताल तक पहुचाया गया फिलहाल इन मामलो में सवाल यह खडा हो रहा है की क्या केंद्रीय चिकित्सालय सिर्फ रिफर केंद्र बन कर रह गया है। यदि ऐसा ही है तो यहाँ अस्पताल में दो चार वार्ड बॉय नियुक्त कर बाकी स्टाफ को भी बिलासपुर भेज देना चाहिये जब इतना बड़ा महकमा मिलकर उचित उपचार नहीं कर सकते तो क्यों श्रमवीरो के पैसों की होली जलाई जा रही है । वही यह सवाल भी जहन में कौंध रहा है जबअरबो रूपए का उत्पादन देने वाली कोयले की खदान अनूपपुर, शहडोल व कोरिया जिले में है तो यहाँ के अस्पतालों में सुविधा क्यों नहीं बढ़ाई जा रही।आखिर श्रमवीरो को कब तक अफसरों के आगे अपने इलाज के लिए हाथ फै लाना पड़ेगा ,कब चिरमिरी छेत्र में नई सुविधाओ युक्त एम्बुलेंस प्रप्त होगी कब यहाँ भी बड़े शहरो जेसी सुविधाए मिलेंगी ,कही अयसा न हो की सुविधाओ के आने तक समूचा नगर ही तबाही के कगार पर चला जाये ??