भनवारटंक : खूबसूरत वादियों से होकर गुजरती है ट्रेन, 115 साल पुराना है यह ब्रिज आज भी है बेजोड़
जोगी एक्सप्रेस
सद्दाम अशरफ़ी
भनवारटंक : खूबसूरत वादियों से होकर गुजरती है ट्रेन, 115 साल पुराना है यह ब्रिज
बिलासपुर से कटनी को जोड़ने वाली रेल लाइन पर है भनवारटंक। कुदरत ने इस जगह को ऐसी खूबसूरती बख्शी है कि आज नहीं, दशकों से यह हर किसी की निगाहों में चढ़ा हुआ है। अंग्रेजों ने करीब 115 साल पहले सन 1900 में यह ब्रिज बनवाया था। यह ब्रिज 115 फीट ऊंचा और 425 फीट लंबा है।
मात्र तीन पिलरों पर टिका है ब्रिज
425 फीट लंबा यह ब्रिज मात्र तीन पिलरों पर टिका है। इनमें से बीच वाला पिलर 115 फीट ऊंचा है। तीनों पिलरों के बीच 100-100 फीट की दूरी है। इन्हें पक्की ईंटों से बनाया गया है जिन्हें चूने, बेल और गोंद से बनाए गए गारे से जोड़ा गया है।
108 साल पहले बना था टनल
ब्रिज बनाने के साथ उससे आगे 1907 में पहाड़ी खोदकर टनल का काम शुरू किया गया। 7 डिग्री कर्व लिए हुए यह टनल घोड़े की नाल के आकार का है। इस टनल की लंबाई 334 मीटर है। इसकी दीवारें ईंट और गारे की जुड़ाई वाली है।
इंजीनियरिंग का बेहतरीन नमूना
एक्सपर्ट बताते हैं, टनल बनाने के पीछे अंग्रेजों का उद्देश्य माल ढुलाई और रेल यातायात को सुगम बनाना था। जिस परफेक्शन के साथ इस टनल और पुल को बनाया गया है वह आज भी सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में चुनौती है। खास बात यह है कि 115 साल पुराने पुल और 108 साल पुराने टनल में आज तक कोई दुर्घटना नहीं हुई।
चुनौतीपूर्ण रहा होगा निर्माण
ब्रिटिश शासनकाल में इस ब्रिज और टनल को बनाना चुनौतीपूर्ण रहा होगा। बैलगाड़ी और खच्चरों के अलावा लेबरों से भी कंस्ट्रक्शन मटेरियल पहुंचवाने की जानकारी मिलती है। पहले पहाड़ की कटिंग कर समतल जगह बनाई गई होगी, फिर खुदाई की गई होगी।