November 23, 2024

आयोग द्वारा प्रकाशित पुस्तिका ‘‘महिलाओं का संरक्षण एवं विधिक अधिकार’’ का विमोचन किया …..

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छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न : कार्यस्थल पर महिला प्रताड़ना, जेण्डर संवेदीकरण और साइबर क्राइम पर हुई चर्चा : रायपुर, दुर्ग और बस्तर रेंज के 200 पुलिस अधिकारी हुए शामिल

रायपुर-छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग द्वारा आज यहाँ सिविल लाईन स्थित नवीन विश्राम गृह के सभा भवन में जेण्डर संवेदीकरण, महिलाओं का कार्यस्थल पर यौन प्रताड़ना (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोषण) अधिनियम 2013 एवं साइबर क्राइम पर चर्चा करने हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया।
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती हर्षिता पाण्डेय् ने सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुये कहा कि जब तक हम जेण्डर के प्रति संवेदीकृत नहीं होंगे तब तक महिलाओं को न्याय एवं सुरक्षा नहीं दे सकते और उनके मर्यादा की रक्षा नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि जेण्डर भेदभाव सामाजिक व्यवस्था की देन है। भारतीय संस्कृति महिला, पुरुष में प्रतिस्पर्धा नहीं समानता का परिचायक रहा है। जेण्डर भेदभाव को प्रतिस्पर्धा करके नहीं समानता का व्यवहार एवं अवसर का समानता देकर दूर किया जा सकता है।
कार्यशाला में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री आर. के. विज ने कानून के क्रियान्वयन, पालन एवं एफ. आई. आर. तत्काल दर्ज करने, बलात्कार के प्रकरण में पुलिस द्वारा की जाने वाली कार्यवाहियों, महिलाओं के प्रति संवेदनशील रहने के संबंध में जानकारी दी । राष्ट्रीय सेवा योजना खेल विकास एवं युवा मंत्रालय भारत सरकार के संचालक श्री वीरेन्द्र मिश्रा के द्वारा जेण्डर संवेदीकरण की अवधारणा, जेण्डर एवं सेक्स के भेद, जेण्डर भेदभाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। इनके द्वारा जेण्डर के कारण एवं परिणाम पर तथा जेण्डर भेदभाव महिलाओं को अक्सर न मिलने एवं सामाजिक व्यवस्था के कारण महिला सशक्तिकरण में रुकावट उत्पन्न हो रही है। इस अवसर पर आयोग द्वारा प्रकाशित पुस्तिका ‘‘महिलाओं का संरक्षण एवं विधिक अधिकार’’ का विमोचन भी किया गया।

कार्यशाला में राष्ट्रीय महिला आयोग से आये विशेषज्ञ श्री सर्वेश पाण्डेय् ने जेण्डर संवेदीकरण एवं पुलिस अधिकारियों की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की । राष्ट्रीय महिला आयोग के विधि विशेषज्ञ सुश्री अवनी बाहरी और पीयूष छाबड़ा ने महिलाओं का कार्यस्थल पर यौन प्रताड़ना अधिनियम 2013 के अनुसार कार्यस्थल पर यौन प्रताड़ना की परिभाषा ,इसके तहत कानूनी प्रावधान, आंतरिक परिवाद समिति, स्थानीय परिवाद समिति, समिति की कार्यप्रणाली एवं क्षतिपूर्ति व अपीलीय प्रावधान के बारे में विस्तार से जानकारी दी । राष्ट्रीय महिला आयोग से आये विशेषज्ञ श्री नितीश चन्दन ने साइबर क्राइम के बारे में विस्तार से जानकारी दी और इसे रोकने के प्रभावी तरीकों के बारे में बताया।इस कार्यशाला में रायपुर, दुर्ग और बस्तर रेंज के 200 पुलिस अधिकारी शामिल हुए । छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के सचिव श्री आर. जे. कुशवाहा सचिव प्रशिक्षण के उद्देश्य एवं महिला आयोग की कार्यप्रणाली पर प्रकाश डाला । इस दौरान छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ रेखा मेश्राम, श्रीमती पद्मा चन्द्राकर, श्रीमती खिलेश्वरी किरण एवं श्रीमती ममता साहू तथा छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग के सदस्य श्री अमरजीत छाबड़ा भी उपस्थित थे ।

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